भारत में काफी पुराने समय से ही लोहे के बर्तन में खाना पकाने की परंपरा रही है और यह सिर्फ परंपरा नहीं है बल्कि आज के विशेषज्ञ भी मानते हैं इससे सेहत को कई सारे फायदे मिलते हैं। आइए एक नजर डालते हैं लोहे के बर्तन में खाना पकाने के तरीकों और इसके फायदों पर।
गांव में आज भी लोग लोहे के बर्तनों में खाना पकाते हैं। इससे ना सिर्फ खाना स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। लोहे की कड़ाही में बनी सब्जी और अन्य भोजन की मदद से शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है। आयरन ना सिर्फ शरीर की कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है बल्कि यह हीमोग्लोबिन बनाने में भी मदद करता है। इसके साथ यह लाल रक्त कोशिकाओं का विकास करने में मदद करता है।
लोहे की कड़ाही में पका सकते हैं कौन सी सब्जियां?
पालक, बीन्स, गोभी, शिमला मिर्च, ब्रोकली- इन सब्जियों को लोहे के बर्तन में बनाकर पकाया जा सकता है। इसके अलावा फ्रायड चिकन भी लोहे की कड़ाही में ही बनाया जाता है और ऐसा करने से ज्यादा तेल भी इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है।
लोहे की कड़ाही में क्या ना पकाएं?
खट्टी चीजों को लोहे के बर्तन में पकाने से बचना चाहिए और इमली, टमाटर या कोकम जैसे चीजों को लोहे के बर्तन में नहीं पकाना चाहिए। इन्हें कांसे के बर्तन में पकाना ही ज्यादा बेहतर होगा। खट्टी चीजों का पीएच एसिड लोहे के साथ प्रतिक्रिया करके फूड पॉइजिंग का कारण बन सकता है।
लोहे के बर्तन में ना छोड़ें पका हुआ खाना:
लोहे के बर्तन में खाना पका लेने के बाद उसी में नहीं छोड़ना चाहिए और इसे किसी दूसरे स्टील या अन्य बर्तन में निकाल लेना चाहिए। इसके साथ ही गर्म पानी और ब्रश से लोहे के बर्तन को तुरंत साफ भी कर लेना चाहिए। लोहे का बर्तन धुलने के बाद पूरी तरह से सूख जाने दें और फिर किसी सूखी जगह पर ही इसे रखें, जहां नमी या हवा ना आती हो क्योंकि ऐसा होने पर लोहे के बर्तन में जंग लग सकता है। लोहे के बर्तन को कपड़े में लपेटकर भी रखा जाता है।