ओमीक्रॉन से लड़ाई में ओमीश्योर का साथ, जानें कैसे काम करेगी मेड-इन-इंडिया किट

Omicron In India: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच,ओमीक्रॉन वैरिएंट की टेस्टिंग के लिए पहली मेड इन इंडिया किट ओमीश्योर मिल गई है। जो कि 12 जनवरी से कमर्शियल रूप से उपलब्ध होगी।

Omicron Cases In India
ओमीक्रॉन का पता लगाना हुआ आसान  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • देश में अब तक 4000 से ज्यादा ओमीक्रॉन से संक्रमित मामले सामने आए हैं।
  • 9 जनवरी को देश में 1.79 लाख से ज्यादा कोविड-19 के केस आए हैं।
  • ओमीश्योर से 4 घंटे के अंदर ओमीक्रॉन के संक्रमण का पता चल पाएगा।

नई दिल्ली:  भारत में तीसरी लहर का असर अब दिखने लगा है। लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। और पिछले 24 घंटे में 1.79 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं। और ऐसा माना जा रहा है कि  मामलों में इतनी तेजी से बढ़ोतरी ओमीक्रॉन की वजह से हो रही है। इस बीच कोविड के खिलाफ लड़ाई में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आईसीएमआर ने ओमीक्रॉन टेस्टिंग के लिए पहली मेड-इन-किट ओमीश्योर (Omisure)की मंजूरी दी है। जिसका कमर्शियल इस्तेमाल 12 जनवरी से शुरू होगा। किट को टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स ने तैयार किया है।

कितनी असरदार ओमीश्योर (Omisure)

टाटा मेडिकल एंड डायग्नोस्टिक्स के अनुसार ओमीक्रॉन वैरिएंट की पहचान में यह किट  99.25 प्रतिशत तक कारगर रिजल्ट देने में सक्षम हैं। यह किट आईसीएमआर के साथ मिलकर डेवलप की गई है। इस संबंध में सरकार का कहना है कि नए मेड इन इंडिया किट के जरिए 4 घंटे में टेस्ट के परिणाम  हासिल हो सकेंगे। ऐसे में ओमीक्रॉन वैरिएंट का पता, बेहद कम समय में लगाया जा सकेगा। अभी जीनोमी सिक्वेसिंग के जरिए ओमीक्रॉन वैरिएंट का पता करने में कम से कम तीन दिन लग जाते हैं।

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क्या है खासियत

यह किट टेस्ट के दौरान  ओमीक्रॉन वैरिएंट की पहचान, डेल्टा और कोविड-19 के दूसरे वैरिएंट से आसानी से कर लेता है। यह किट 3 जींस टारेगट करती है।  इसकी अहम खाासियत यह है कि एस-जीन टारगेट फेल्योर (SGTF) और एस-जीन म्यूटेशन एम्प्लिफिकेशन (SGMA) पर आधारित टेस्टिंग करती है । जिसकी वजह से ओमीक्रॉन वैरिएंट का पता लगाना आसान हो जाता है। नई किट से टेस्टिंग के लिए नाक और मुंह से स्वैब लिया जाता है। जिसके आधार पर रिजल्ट आते हैं।

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4000 से ज्यादा ओमीक्रॉन के मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 10 जनवरी सुबह तक देश में 4033 ओमीक्रॉन के केस सामने आए हैं। और इसमें से 1552 लोग ठीक हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोविड-19 केस बढ़ने की बड़ी वजह ओमीक्रॉन वैरिएंट हैं। और अभी हर रोज संक्रमण की संख्या को देखते हुए ओमीक्रॉन के मामले कम होने की वजह, सभी संक्रमित की ओमीक्रॉन टेस्टिंग नहीं होना है। लेकिन अब नई किट आने से ओमीक्रॉन वैरिएंट पता लगाना आसान हो जाएगा। 
 

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