Monkeypox Explainer: 'मंकीपॉक्स' के क्या हैं लक्षण और इससे बचने के तरीके, जानें इस बीमारी की ABCD,देखें ये Video

हेल्थ
रवि वैश्य
Updated Jul 28, 2022 | 09:37 IST

What is Monkeypox: क्या है मंकीपॉक्स और क्या हैं इसके लक्षण? मंकीपॉक्स से कैसे रहें सावधान? इनके बारे में डिटेल्ड में समझाता ये वीडियो देखें...

Monkeypox Explainer
मंकीपॉक्स के लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है (फोटो साभार-istock) 
मुख्य बातें
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है
  • देश में भी इसके कुछ केस सामने आने के बाद सरकार अलर्ट मोड में आ गई है 
  • मंकीपॉक्स, कोविड-19 जैसी कोई नई बीमारी नहीं है

What is Monkeypox and its Symptoms: मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर खतरा बढ़ता जा रहा है और इसलिए भारत में भी इस मंकीपॉक्स (Monkeypox in India) को लेकर सावधनी बरती जा रही है, गौर हो कि देश में भी इसके कुछ केस सामने आने के बाद सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। 

मंकीपॉक्स को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं, लेकिन अभी भी इसको लेकर पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं कि आखिर मंकीपॉक्स क्या है, मंकीपॉक्स के लक्षण, इलाज कैसे किया जा सकता है. मंकीपॉक्स से बचने के लिए क्या-क्या एहतियात (Monkeypox precautions) बरतनी चाहिए? 

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सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 76 देशों में मंकीपॉक्स के 19,188 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी (Global Health Emergency) घोषित कर दिया है इसे देखते हुए मंकीपॉक्स के लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है..

इन बातों का खास तौर से ध्यान देना जरूरी 

बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइन जारी की है, जिसके अनुसार अगर किसी व्यक्ति की बीते 21 दिनों में ऐसे किसी देश की ट्रैवल हिस्ट्री है, जहां पर मंकीपॉक्स का संक्रमण है, तो उसे इन बातों का खास तौर से ध्यान देना जरूरी है..

1.शरीर पर सूंजे हुए लिम्फ नोड या ग्रंथियां
2.बुखार
3.सिर दर्द
4.शरीर दर्द
5.कमजोरी लगना
6.शरीर पर रैशेज

यदि ये लक्षण दिखाईं दे तो तुरंत उसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जाय।

इनका भी रखें खास ध्यान-

इसके अलावा शरीर पर रैशेज ,बुखार आने के 1-3 दिन बाद दिखाई पड़ते हैं और वह 2-4 हफ्ते तक रह सकते हैं।
इसी तरह पहले रैशेज मुंह और जीभ पर दिख सकते हैं, इसके बाद हाथ, पैर, हथेली और दूसरे अंगों पर आते हैं।
मंकीपॉक्स की पुष्टि लैब टेस्टिंग के बाद ही होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मौजूदा समय में मृत्यु दर 3-6 फीसदी के बीच है।

मंकीपॉक्स, कोविड-19 जैसी कोई नई बीमारी नहीं है

WHO के अनुसार 1970 में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद अफ्रीका के 11 देशों में पहले भी केस आ चुके हैं। इसमें बेनिन, कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबॉन, कोटे डी आइवर, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य, सिएरा लियोन और दक्षिण सूडान शामिल हैं।

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