नई दिल्ली: इन दिनों कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले बड़ी तेजी से फैल रहे हैं। इसे देखते हुए ICMR ने शुक्रवार यानी 27 मई को बताया कि यह संक्रमण बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है। इस संक्रमण से बच्चे को बचाने की अधिक आवश्यकता है। हालांकि एक ICMR वैज्ञानिक ने कहा है, कि अब तक भारत में इसके कोई मामले सामने नहीं आए हैं। कई देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामले को देखते हुए भारत ने अपने कमर कस लिए है। एएनआई समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान ICMR वैज्ञानिक डॉ. अर्चना मुखर्जी ने कहां, कि बच्चों को इस संक्रमण से बचाने की अधिक जरूरत है। डॉ. अर्चना मुखर्जी के अनुसार जिन लोगों को 1980 के बाद टीका नहीं लगा है, उनके लिए यह संक्रमण अधिक खतरनाक है।
मंकीपॉक्स के बढ़ते हुए मामले को देखकर ICMR वैज्ञानिक ने इस संक्रमण के असामान्य लक्षणों के बारे में भी बताया हैं। इस वक्त उन लोगों पर कड़ी नजर रखनी जरूरत है, तो मंकीपॉक्स-संक्रमित देशों से यात्रा कर के आए हैं।
मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारी ने कहा है, कि मंकीपॉक्स के मामले को रोकने के लिए सही उपाय सही समय पर करने चाहिए। जैसे दूसरे देशों को टीका का डाटा सभी के साथ साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा, कि इस बीमारी की सीमा कहां तक है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि हम अधिक से अधिक मामलों का पता लगा सकें। उन्होंने कहा कि हम अभी से इस संक्रमण को रोकने का उपाय ढूंढना शुरू कर दें, तो शायद इस पर नियंत्रण करना आसान हो सकता है। इसलिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह संक्रमण अभी शुरुआती दौर में है।
कम्युनिटी स्प्रेड के जोखिम को देखते हुए उन्होंने कहा कि हमें डर है कि यह संक्रमण समुदाय में तेजी से फैल सकता है, लेकिन इस समय इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने बताया अब तक उनके सामने 20 से भी अधिक मामले आ चुके हैं। कई रोगियों को तो इस संक्रमण की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा हम जानते हैं, कि यह सामान्य वायरस परिवर्तन के कारण है। और हम इस संक्रमण की जांच कर रहे हैं, ताकि इसकी उत्पत्ति कैसे हुई और यह कितना खतरनाक हैं, इसका पता चल सके।
(एजेंसी इनपुट के साथ)