Pneumonia Vaccine For Infants:निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो नवजात और छोटे बच्चों के लिए जानलेवा साबित होती है। दरअसल, ये फेफड़ों को संक्रमित करता है। जिस वजह से फेफड़ों में वायरस इन्फेक्शन व फंगल इन्फेक्शन से काफी बलगम बनना शुरू हो जाता है। यह एक खतरनाक बीमारी है। ज्यादातर इस बीमारी की चपेट में नवजात शिशु आते हैं और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण काफी संख्या में मासूमों की मौत हो जाती है। ज्यादातर निमोनिया की शिकायत 0 से 1 साल की उम्र के बच्चों में होती है। नवजात शिशुओं का इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होता है। ऐसे में वे आसानी से किसी भी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं।
शिशु जब जन्म लेता है तो वातावरण में बदलाव होता है। इस बदलाव के चलते अधिकतर बच्चे निमोनिया के शिकार हो जाते हैं। दुनियाभर के बच्चों में निमोनिया की समस्या काफी बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए हैदराबाद की कंपनी ने नई वैक्सीन लॉन्च करने की घोषणा की है। इस वैक्सीन से निमोनिया जैसी घातक बीमारी से शिशुओं की जान बचाई जा सकती है। आइए जानते हैं निमोनिया वैक्सीन की पूरी डिटेल्स-
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जानिए, क्या है वैक्सीन का नाम
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विशेषज्ञ समिति (SEC) ने शिशुओं के लिए 14-वैलेंट न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन PCV14 को बनाने के लिए बायोलॉजिकल ई लिमिटेड को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सिंगल डोज और मल्टी डोज को एस निमोनिया संक्रमण के खिलाफ टीका बनाने की अनुमति मिल गई है।
क्या है न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन
बाकी वैक्सीन की तरह 14-वैलेंट न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन PCV14 भी एक तरह का इंजेक्शन है जो हमारी बॉडी में इंजेक्ट करने के बाद एक इम्यून जनरेट करता है व एंटीबॉडी बनाता है, ताकि जब निमोनिया का इंफेक्शन हो तो हमारी बॉडी को लड़ने की शक्ति मिल सके। निमोनिया एक जानलेवा बीमारी है, इसलिए इसकी वैक्सीन बेहद जरूरी है। देशभर में 15 से 16 फीसदी से अधिक बच्चों की इस बीमारी के चलते असमय मृत्यु हो जाती है, ऐसे में इससे बचाव के लिए वैक्सीन बेहद जरूरी है।
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इन उम्र के बच्चों को लगेगा टीका
चिकित्सा विशेषज्ञ के मुताबिक 14-वैलेंट न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (PCV14) का टीका 6, 10 व 14 सप्ताह की उम्र के शिशुओं को दिया जा सकता है, क्योंकि 0 से 1 वर्ष तक बच्चों को ज्यादातर निमोनिया की बीमारी होती है और ज्यादातर बच्चों की इस बीमारी से मृत्यु भी हो जाती है। इस वजह से टीके की शुरुआत कम उम्र के बच्चों से ही की जा रही है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। )