प्रेग्नेंसी में न करें ये लापरवाही, गर्भ में बच्चा बन सकता है ट्रांसजेंडर

हेल्थ
Updated Feb 10, 2018 | 08:11 IST | Shivam Pandey

प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीने बहुत अहम होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ लापरवाही के चलते बच्चे में ट्रांसजेंडर के गुण आ सकते हैं। यहां जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान क्या हैं वो लापरवाही...

प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीने बहुत अहम होते हैं।  |  तस्वीर साभार: Indiatimes

नई दिल्ली. ट्रांसजेंडर यानी वो लोग जिन्हें पुरुष और महिला दोनों से अलग थर्ड कैटेगरी में रखा जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, ट्रांसजेंडर में महिला और पुरुष दोनों के गुण एक साथ हो सकते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ लापरवाही के चलते बच्चे में ट्रांसजेंडर के गुण आ सकते हैं। ऐसे में हम बता रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किन-किन लपरावही के चलते एक ट्रांसजेंडर बच्चे के पैदा होने का खतरा रहता है।   

तीन महीने सबसे अहम
डॉक्टर्स के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीने बहुत अहम होते हैं। इस दौरान ही  शिशु का लिंग बनता है। इस वक्त यदि मां जरा भी लापरवाही बरतती है तो बच्चे में ट्रांसजेंडर के गुण आ सकते हैं। इसमें पहला है बुखार। प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीने में महिला को बुखार आना या कोई हैवी मेडिसिन लेने के वजह से भी बच्चे के लिंग परिवर्तन की वजह बन सकती है।

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हॉर्मोनल प्रॉब्लम और टॉक्सिक खान-पान 
बुखार के अलावा महिलाओं में हार्मोनल प्रॉब्‍लम होने की वजह से भी ट्रांसजेंडर बच्चा पैदा हो सकता है। वहीं, लिंग धारण करने के इस प्रोसेस के दौरान चोट लगने और हॉर्मोनल प्रॉब्लम जैसे कई कारण बच्चे के  ट्रांसजेंडर होने का खतरा बनते हैं। वहीं, ट्रांसजेंडर के करीब 10 से 15 फीसदी मामले जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण सामने आते हैं। इसके अलावा यदि प्रेग्नेंट महिला के गर्भ में शिशु के ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचाने वाले किसी एक्सीडेंट या बीमारी हो जाती है तो भी बच्चा ट्रांसजेंडर हो सकता है।

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टॉक्सिक फूड और पेस्टिसाइड्स
प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मात्रा में टॉक्सिक फूड यानी केमिकली ट्रीटेड या पेस्टिसाइड्स वाले फल या सब्जियों के सेवन से भी ट्रांसजेंडर बच्चा पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं, यदि महिला बिना डाक्टर की सलाह के अर्बाशन पल्स या कोई घरेलू उपचार अपना ले तो भी ऐसा हो सकता है।

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