प्रेग्नेंसी में महिलाओं को विशेषकर अपना खयाल रखना चाहिए। इस दौरान अपने बॉडी मूवमेंट को लेकर खान पान को लेकर और यहां तक कि अपनी मानसिक स्थिति को लेकर भी काफी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि मां की शारीरिक और मानसिक दोनों अवस्था का सीधा असर कोख में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। एक मां को इस दौरान कुछ भी करने से पहले खुद से ज्यादा अपने बच्चे के बारे में सोचना चाहिए। कई महिलाएं प्रेग्नेंसी की अवधि में पूरे 8 महीने डॉक्टरों के कंसल्ट में रहती हैं और उनकी सलाह के मुताबिक अपनी दिनचर्या फॉलो करती हैं।
डॉक्टर के अलावा घर का बड़े बुजुर्ग भी प्रेग्नेंट महिला को बताते रहते हैं कि उन्हें इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इस दौरान महिलाओं के लिए विटामिन डी लेना भी बेहद जरूरी होता है। धूप विटामिन डी का सबसे बढ़िया और प्राकृतिक स्रोत होता है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को कितना धूप लेना चाहिए और कितना नहीं। ज्यादा धूप या कम धूप का पेट में पल रहे बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। आज हम इसके बारे में बात करेंगे।
बच्चे और मां के शरीर में विटामिन डी की पूर्ति के लिए धूप का लेना जरूरी है। ये मां और बच्चे दोनों की इम्यूनिटी को मजबूत करता है साथ ही बच्चे की हड्डियों का विकसित होने में भी मदद करता है। हालांकि यहां पर ये भी ध्यान देने की जरूरत होती है कि इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, उनकी स्किन पर उनकी बालों पर बदलाव होने लगते हैं ऐसे में ज्यादा देर तक धूप में रहना भी उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
गर्भावस्था में ज्यादा देर तक धूप में रहने के नुकसान
बरतें ये सावधानियां