विश्वभर में एक बार फिर लोगों का आयुर्वेद, हर्बल और ऑर्गेनिक की तरफ विश्वास बढ़ रहा है। ज्यादा से ज्यादा लोग आयुर्वेद अपना रहे हैं और कैमिकल युक्त पदार्थों से दूरी बना रहे हैं। आयुर्वेद में खाने और सोने का भी सही समय बताया गया है। खाने पीने का सही समय आपकी सही सेहत के लिए अहम भूमिका निभाता है। गलत समय पर नाश्ता करने व खाना खाने से पौष्टिक तत्व फायदे के बजाए शरीर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर के तीन मुख्य तत्व या प्रकृति होती है, वात, पित्त और कफ। शरीर में जब इन तीनों का संतुलन खराब हो जाता है तो व्यक्ति बीमारियों से संक्रमित हो जाता है।
प्राचीनकाल से ही लोगों की मान्यता है सुबह के समय हमारी पाचन क्रिया बेहतर कार्य करती है, सूरज डूबने के बाद पाचनक्रिया धीमी पड़ जाती है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको आयुर्वेद के अनुसार नाश्ता करने व खाने का सही समय बताएंगे। इन नियमों को ध्यान में रखकर आप स्वस्थ रह सकते हैं।
नाश्ते का सही समय
आयुर्वेद के अनुसार सुबह 7 से 8 बजे तक नाश्ते का सबसे अच्छा समय होता है। ध्यान रहे उठने के तुरंत बाद एक से दो गिलास हल्का गुनगुना पानी पिएं, इसके बाद फ्रेश होने के लिए जाएं। इससे पेट साफ होता है और चेहरे की चमक बढ़ती है। सुबह उठने के आधे घंटे के भीतर कुछ खा लें, ज्यादा देर तक भूखे रहने से गैस की समस्या होती है।
नाश्ते और खाने के बीच होना चाहिए इतना अंतर
दोपहर का खाना 12 बजे से 2:30 बजे के बीच खाएं। नाश्ते और दोपहर के खाने यानी लंच के बीच कम से कम 4 घंटे का अंतराल होना चाहिए। ध्यान रहे सूर्य डूबने के बाद यानी गौधेरिया में भोजन नहीं करना चाहिए, इससे पाचनक्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
9 बजे का बाद भूलकर भी ना करें भोजन
रात में भोजन करने का सही समय 6 से 8 बजे के बीच होता है। आयुर्वेद के अनुसार सोने से 3 घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिए, इससे खाना अच्छे से पच जाता है। साथ ही 9 बजे के बाद भोजन करने से बचना चाहिए।