Sonali Phogat Heart Attack: चालीस की उम्र में दिल क्यों हो रहा है कमजोर, इन लक्षणों को आप भी नहीं करें इग्नोर

Sonali Phogat Death: भाजपा नेता और जानी मानी एक्ट्रेस सोनाली फोगाट की हाल ही में हार्ट अटैक से मौत हो गई। आजकल 40 की उम्र में महिलाओं में हार्ट अटैक की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है, आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में।

Sonali Phogat death, Heart Attack Symptoms
40 की उम्र में महिलाओं में आम हुई हार्ट अटैक की समस्या।  
मुख्य बातें
  • भाजपा नेता और एक्टे्रस सोनाली फोगाट की हार्ट अटैक से मौत
  • भारत में कम उम्र के लोगों में बढ़ रही हैं दिल की बीमारियां
  • महिलाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण है पोस्ट मेनोपॉज

Sonali Phogat Death: भाजपा नेता और एक्ट्रेस सोनाली फोगाट की हार्ट अटैक से मौत ने उनके परिवार के साथ ही उनके फैंस को भी सकते में ला दिया है। मात्र 42 साल की सोनाली फोगाट दिखने में न सिर्फ फिट थीं, बल्कि वे एक प्रोपर डाइट भी फाॅलो करती थीं। सोनाली ही नहीं इससे पहले भी कई सेलेब्स अधेड़ उम्र में हार्ट अटैक के कारण इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, मशहूर सिंगर केके और एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला भी इस लिस्ट में शामिल हैं। डाॅक्टर्स का कहना है कि कम उम्र में हार्ट अटैक का मुख्य कारण है हमारी बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल और सबसे आगे निकलने की दौड़ का दबाव। यही कारण है कि पहले जहां 60 के पार लोगों को हार्ट संबंधी परेशानियां अधिक रहती थीं, वहीं अब 40 से 50 साल के लोगों पर भी यह खतरा मंडराने लगा है। दूसरी ओर पोस्ट कोविड इफेक्ट भी एक बड़ा कारण है हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने का। हालांकि महिलाओं और पुरुषों में इसके कुछ कारण अलग-अलग हैं। 

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महिलाओं में हार्ट अटैक के ये हैं प्रमुख कारण 

महिला रोग विशेषज्ञ डाॅ वंदना भारड़िया का कहना है कि महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा लगातार बढ़ रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें से एक प्रमुख कारण है महिलाओं में पोस्ट मेनोपॉज स्टेज यानी 40 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। पोस्ट मेनोपॉज के कारण शरीर कई हार्मोन्स बनाना बंद कर देता है, इनमें कई कार्डिक प्रोटेक्टिव हार्मोन्स होते हैं जो हमारे हार्ट के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन जब ये बनना बंद होते हैं तो इसके कारण धमनियों में दबाव बढ़ता है जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। इसी के साथ कोविड काल के दौरान वायरस के अटैक का असर दिल पर भी हुआ है। इससे कहीं न कहीं दिल कमजोर हुआ है। डाॅक्टर्स के अनुसार बिजी लाइफस्टाइल भी महिलाओं में हार्ट अटैक का कारण है। ग्लैमर वल्र्ड के लोग कहीं न कहीं हमेशा इस दबाव में रहते हैं कि उन्हें अव्छा दिखना है। उनकी हर हरकत पर सबकी नजर होती है, ऐसे में ये प्रेशर भी दिल पर विपरीत असर डालता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, हाई केलोस्ट्रोल, स्मोकिंग, फैमिली हिस्ट्री, मोटापा, डायबिटीज भी हार्ट अटैक का कारण है।  

ये हैं महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

- दिल में दर्द होना या बेचैनी महसूस करना

- सांस लेने में दिक्कत होना

- अचानक से अधिक पसीना आना

- भरपूर आराम करने के बावजूद थकान महसूस करना 

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शहरी जनता पर लगातार बढ़ रहा है खतरा 

नेशनल लैबोरेट्री ऑफ मेडिसन के अनुसार दुनियाभर में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के मामले में भारत बहुत आगे है। यहां कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक की आशंका लगातार बढ़ रही है। भारत में साल 1990 में दिल की बीमारी से 2.26 मिलियन मौतें हुईं, जो साल 2020 में बढ़कर 4.77 मिलियन हो गई। चिंता की बात यह है कि यह आंकड़ा लगातार और दिनों दिन बढ़ रहा है। इतना ही नहीं ग्रामीण लोगों की तुलना में शहर में रहने वालों में यह खतरा ज्यादा है। इन सालों में ग्रामीण आबादी में हार्ट की बीमारियों में जहां 1.6 से 7.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, वहीं शहरी आबादी में यह आंकड़ा 2 प्रतिशत से सीधे 13.2 प्रतिशत तक बढ़ा है।

( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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