कोरोना मरीज के अलावा इन रोगियों को भी ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा, क्या कहते हैं एक्सपर्ट डॉक्टर?

Black Fungus symptoms in Hindi: कोरोना मरीजों के अलावा और कुछ रोगों से ग्रस्त लोगों के लिए भी ब्लैक फंगस इंफेक्शन का खतरा उतना ही गंभीर है। इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं डॉ. राजरतन सदावर्ते।

Black Fungus causes and Risks
ब्लैक फंगस से किसे ज्यादा खतरा? (Photo Credit- iStock)  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के अलावा फंगल इंफेक्शन से और भी गंभीर हुई स्थिति।
  • कई राज्यों में सामने आ रहे ब्लैक फंगस के मामले।
  • कोविड-19 वायरस से संक्रमित लोगों के अलावा अन्य रोगियों को खतरा।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेजी से बढ रहे। ऐसे में एक तरफ कोरोना वायरस का खतरा होते हुऐ दूसरी तरफ देशभर में लोगो को फंगल संक्रमण का भी सामना कर रहा है। जिसे ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस कहा जाता है। फंगल इंफेक्शन के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अभी तक गुजरात, सूरत, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में इसके मामले देखने को मिल रहे हैं। कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड का गलत तरीके से इस्तेमाल भी ब्लैक फंगस (Mucormycosis) की एक वजह बन सकती है।

विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, 'फंगल इंफेक्शन कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह महामारी के अनुपात में कभी नहीं हुआ है। हम सटीक कारण नहीं जानते कि यह महामारी के अनुपात में क्यों पहुंच रहा है लेकिन हमारे पास यह मानने के लिए कई कारण हैं। इसमे अनियंत्रित डायबिटीज, इलाज के दौरान टोसीलिज़ुमैब के साथ स्टेरॉयड का ठीक तरीके से नहीं इस्तेमाल, वेंटिलेशन पर रहने वाले मरीज और सप्लीमेंट ऑक्सीजन लेना शामिल हैं। कोरोना इलाज के छह हफ्तों के भीतर यदि इनमें से कोई फैक्टर हैं तो मरीज में ब्लैक फंगस होने का सबसे ज्यादा रिस्क है।'

ब्लैक फंगस का असर: म्यूकोर्मिकोसिस चेहरे, संक्रमित नाक, आंख के अलावा मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। जिससे के कारण आंखों की रोशनी  भी जा सकती है। यह फेफड़ों में भी फैल सकता है। यह फंगल इंफेक्शन, आमतौर पर मिट्टी, पौधे, खाद और सड़े हुए फलों और सब्जियों में पाए जाते हैं। यह दिमाग, साइनस, फेफड़ों पर असर डालता है और डायबिटीज से पीड़ित एवं कम इम्यून सिस्टम वाले मरीजों के लिए घातक हो सकता है।

संक्रमण किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकता है। अधिकांश लोग कभी न कभी इस फंगस के संपर्क में आएंगे। लेकिन जो लोग बीमार है उन्हें इस बीमारी के होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण यह तेजी से आपको अपना शिकार बना सकता है।

फंगल इंफेक्शन से खुद का बचाव कैसे करें (How to prevent fungal infection)

•    मधुमेह को नियंत्रण में रखो।
•    स्टेरॉईड का अतिरिक्त सेवन न करें।
•    ऑक्सिजन मास्क को स्वच्छ रखे। और डॉक्टर के सलाह से स्टेरॉईड लेना चाहिए।
•    म्यूकोर्मिकोसिस बिमारी से पिडित व्यक्ती के संपर्क में न आए।
•    इस प्रकार के संक्रमण को रोकने के लिए शरीर स्वास्थ्य रखना चाहिए।
•    म्यूकोर्मिकोसिस का निदान प्रयोगशाला में एक ऊतक से किया जाता है।
•    समय रखते निदान और इलाज हो तो मरीज ठिक हो सकता है। क्योंकी यह बिमारी बहुत तेजी से फैलती है। कोविद वायरस से ठिक होई मरीजों में यह बिमारी का अधिक खतरा दिखाई दे रहा है।
•    कैंसर के मरीज, एड्स और अगर मरीज के किसी भी अंग प्रत्यारोपित किया गया है। स्टेम सेल ट्रान्सप्लांट हुआ है। ऐसे मरीज को फंगल इन्फेशन का खतरा होता है।

(इस लेख के लेखक- डॉ. राजरतन सदावर्ते, चेस्ट फिजिशियन, कोहिनूर अस्पताल, मुंबई)
(डिस्क्लेमर- लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं। टाइम्स नेटवर्क इनसे संबंधित नहीं है।)

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