Spices in baby diet: बच्चों की डाइट में मसालों को शामिल कर रही हैं, तो इन बातों का रखें ध्यान

Spices in baby's diet: बच्चों की डाइट में मसाले अक्सर तीन साल की उम्र के बाद ही शामिल किए जाते हैं। हालांकि, अगर आप 2 साल की उम्र में ही बच्चे को सॉलिड फूड खिलाने की आदत डाल रही हैं, तो उसके लिए मसालों को शामिल करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। 

Spices in baby's diet
Baby diet 
मुख्य बातें
  • बच्चे को दिन में एक बार ही खिलाएं नमक वाला खाना
  • लाल मिर्च और गर्म मसाले से करें परहेज
  • मेथीदाने को भी सही मात्रा में करें शामिल

Spices in baby's diet: भारत को मसालों का देश ऐसे ही नहीं कहा जाता है। दरअसल, भारत में पैदा होने वाले सभी मसाले सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को मसाले के बहुत फायदे मिलते हैं। हालांकि, बच्चों की डाइट में मसालों को शामिल करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। दरअसल, बच्चों की पाचन शक्ति बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। ऐसे में उनकी डाइट में संतुलित मात्रा में ही मसालों को शामिल करना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चों के खाने में मसालों को शामिल करते वक्त आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं-

बच्चों के खाने में सही मात्रा में शामिल करें ये चुनिंदा मसाले 

नमक की सही मात्रा
बच्चों को मसाले देने की बात हो तो उनकी डाइट में नमक को शामिल किया जा सकता है। इसमें भी यह ध्यान रखने की जरूरत है कि बच्चे को नमक सिर्फ एक ही समय के खाने में दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही नमक की मात्रा बहुत कम ही रखें। हालांकि, नमक के साथ चीनी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।

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मेथीदाना

बच्चे की डाइट में मसाले  शामिल करते वक्त आप मेथीदाने का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। हालांकि, मेथीदाने को बच्चे की डाइट में उनके 15 महीने के हो जाने के बाद ही शामिल करें। इसके बाद भी मेथी की उचित मात्रा ही बच्चे को दें। 

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गरम मसाला व लाल मिर्च से करें परहेज

बच्चे को खाना खिलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें गरम मसाला व लाल मिर्च न हो। दरअसल, ये दो मसाले बच्चे के पेट को खराब कर सकते हैं, इसके साथ ही उन्हें अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसे में ध्यान रखें कि बच्चों को गरम मसाला और लाल मिर्च न दी जाए। हालांकि, लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च को डाइट में शामिल किया जा सकता है वो भी 3 साल के बाद और बेहद कम मात्रा में। 

( डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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