प्रेग्नेंसी पॉजिटिव होना बेहद सुखद होता है, लेकिन शुरुआती तीन महीने में होने वाली दिक्कते कई बार भावी मां को बेहद परेशान कर देती हैं। मॉर्निंग सिकनेस यानी हर समय मिचली या उबकाई महससू होना, सिरदर्द, उल्टी ऐसी समस्या है जो भावी मां को अंदर ही अंदर बहुत परेशान करती है और कमजोरी भी देती है।
मॉर्निंग सिकनेस के कारण किसी चीज को खाने का मन नहीं होता है, वहीं कभी किसी महक तक से उबाकई आ जाती है। गैस बनना और मिचली आने की समस्या करीब तीन महीने तक कायम रहती है और कई महिलाओं में ये पूरी प्रेग्नेंसी परेशान करती है, लेकिन कुछ तरीकों को अपना कर इस समस्या के आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
खुद को हाइड्रेट रखें
यदि आपके अंदर पानी की कमी होगी तो आपको मिचली या उल्टी की समस्या का सामना करना पड़ेगा। शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलना उल्टी को ट्रिगर करता है और मॉर्निंग सिकनेस को बढ़ाता है। बस इतना याद रखें की खाने के ठीक पहले या ठीक बाद पानी न पीएं। 30 मिनट का अंतराल पानी पीने में रखें। मिचली आती हो तो नारियल पानी, नींब पानी या संतरे का जूस आदि पीते रहें। इससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी और मुंह का जायका भी बेहतर होगा।
छोटे-छोटे मील लेने की आदत डालें
कभी भी एक साथ ज्यादा न खाएं। प्रेग्नेंसी के दौरान हमेशा छोटे मील लें और कई बार खाएं। खाने को 6 भाग में बांट लें। दिन भर में कई बार छोटे आहार लें ताकि पेट पर भार न पड़े। इससे खाना पचता रहेगा और मिचली नहीं आएगी। ये समस्या आपको ब्लोटिंग के लक्षणों से भी बचाता है। कोशिश करें प्रोटीनयुक्त चीजें लें। प्रोटीन सहायक एंजाइमों को रिलीज करता है, जो पाचन को सही कर मितली और गैस्ट्रिक की समस्या भी दूर करता है।
नींबू और पेपरमिंट वाली चीजें लें
खट्टी-मीठी चीजें मुंह का जायका ही नहीं बनाती, बल्कि इसकी खुशबू भी उल्टी आने की समस्या को रोकती है। साथ ही इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो इम्युनिटी को भी बढ़ाता है और जायका भी बनाता है। ठीक उसी तरह पेपरमिंट की खूशबू भी मिचली की समस्या को दूर कर देते हैं। साइट्रस चीजों को इनहेल करने से गैस्ट्रिक समस्याएं, तनाव और बेचैनी से संबंधित समस्याएं भी दूर होती हैं। अपने पर्स में हमेशा नींबू या पेपरमिंट एसेंस जरूर रखें, ताकि जब जरूरत हो आप इसे प्रयोग कर सकें।
क्रेविंग से बचें
प्रेग्नेंसी में क्रेविंग बहुत ही आम लक्षण होता है। किसी को मीठा तो किसी को नमकीन चीजों की क्रेविंग होती है। लेकिन क्रेविंग के चक्कर में कुछ भी खा लेने से बचना चाहिए। ज्यादा मीठा खाना शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है या ज्यादा तीखा खाना एसिडीटी बढ़ा सकता है।
योग का ले सहारा
मार्निंग सिकनेस से बचने में योग भी बहुत काम आता है। योग शिक्षक की मदद से कुछ योग सीख लें, जो मिचली, उल्टी या तनाव को दूर करने का काम करते हैं। रोज 10-15 मिनट के योगाभ्यास करना प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई समस्याओं से बचाता है।
मॉर्निंग सिकनेस से बचना मुश्किल नहीं, लेकिन कुछ सावधानी बरत कर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।