What Is Arthritis: गठिया या अर्थराइटिस से ग्रस्त मरीजों की तादाद दिनोदिन बढ़ती जा रही है। बुजुर्ग तो इस समस्या से ग्रस्त हैं ही युवा व बच्चों में भी इस बीमारी के लक्षण देखे जा रहे हैं। जी हां 20 से 25 साल के युवा भी इस दर्दनाक बीमारी चपेट में आ रहे हैं। आपको बता दें गठिया रोग तब होता है जब शरीर में उत्पन्न यूरिक एसिड का उत्सर्जन समुचित प्रकार से नहीं होता।
पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने पर भी जोड़ सख्त होने लगते हैं, इससे जोड़ों के बीच कार्टिलेज घिसने लगता है और जोड़ों में तेज दर्द शुरु हो जाता है । इस बीमारी का यदि सही समय पर इलाज ना किया जाए तो यह अपना भयावह रूप ले लेती है। गठिया को साइलेंट रोग भी कहा जाता है। जो धीरे धीरे अपना विकराल रूप धारण कर शरीर में कई गंभीर बीमारियों को जन्म देती है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या है गठिया या अर्थराइटिस की समस्या और कैसे करें इसका इलाज।
क्या है गठिया या अर्थराइटिस की समस्या
खानपान व जीवनशैली में बदलाव के कारण बुजुर्ग ही नहीं बच्चे और युवा भी अर्थराइटिस की समस्या से पीड़ित हैं। आपको बता दें जब हड्डियों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। यूरिक एसिड खानपान में बदलाव के कारण शरीर में उत्पन्न होता है। इस बीमारी के दौरान शरीर के जोड़ों में दर्द औऱ अकड़न की समस्या उत्पन्न हो जाता है और सूजन आ जाती है। तथा रोग के बढ़ जाने पर चलने फिरने या बैठने उठने में भी परेशानी होने लगती है। ऐसे में आज हम इस समस्या को जड़ से खत्म करने और असहाय दर्द से निजाते दिलाने के लिए कुछ जड़ी बूटियां लेकर आए हैं, जिसका सेवन कर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
हल्दी
हल्दी गठिया की समस्या से निजात दिलाने के लिए रामबांण सिद्ध होता है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो अर्थराइटिस के कारण जोड़ो में होने वाले असहाय दर्द से निजात दिलाता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेंट्री गुण जोड़ो में सूजन कम करने में कारगार होता है। आपको बता दें हल्दी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में यदि आप भी गठिया की समस्या से ग्रस्त हैं तो रोजाना हल्दी का सेवन करें। इसके लिए आप आधे से एक चम्मच हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पिएं। साथ ही दर्द औऱ सूजन से संबंधित जगह पर गर्म हल्दी को एक कपड़े में बांधकर लपेट लें। इससे आप जल्द ही इस समस्या से निपट सकते हैं।
अदरक
गठिया के दर्द और सूजन से निजात दिलाने में अदरक एक कारगार उपाय है। अदरक शरीर के प्रोस्टाग्लैंडीन के स्तर को कम करता है और गठिया की समस्या से निजात दिलाने में कारगार होता है। आपको बता दें अदरक का सेवन बाजार में मौजूद गैर-स्टेरॉडल दवाओं की तुलना में अधिक कारगार है। यह जोड़ो में दर्द से झटपट निजात दिलाता है और सूजन को कम करने में सहायक होता है।
बरडॉक रूट
बरडॉक रूट जिसे फॉक्स रूट के रूप में भी जाना जाता है। यह जोड़ो मे दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होता है। अर्थराइटिस की समस्या से निजात पाने और इसके संक्रमण को कम करने के लिए एक दिन मे 2 से 3 बार इस जड़ का सेवन करें। आपको बता दें यह बाजार में सूखे जड़ औऱ पाउडर के रूप में भी उपलब्ध होता है।
बिच्छू बूटी
बिच्छू बूटी, इस औषधि का नाम सुनने में आपको जरूर अटपटा सा लग रहा होगा, लेकिन आपको बता दें जिस तरह बिच्छु के काटने पर उसका जहर तेजी से फैलता है, ठीक उसी तरह इस औषधि का सेवन करने पर आपके गठिया का दर्द तेजी से कम होता है। यह गठिया की समस्या को जड़ से खत्म करने में कारगार उपाय है और आपके हड्डियों को फौलाद बनाता है। इसे नेटल्स प्लांट या बिछुआ पत्ती भी कहा जाता है। यह एक तरह का पौधा होता है, जो नमी वाले स्थान पर पाया जाता है, यह आपको नदी नाले के किनारे या पहाड़ों पर अधिक मिल सकता है। इसे पीसकर दर्द से संबंधित वाले जगह पर लगाने से आप जल्द ही इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
विलो छाल
विलो पौधों के छाल गठिये की समस्या से निजात दिलाने में सबसे कारगार उपाय है। आपको बता दें इस पौधे की छाल का प्रयोग लंबे समय से गठिया की समस्या को दूर करने के लिए आयुर्वेद में दवाई के रूप में किया जाता रहा है। जोड़ो में दर्द से निजात दिलाने में यह पेनकिलर का काम करता है। इस पौधे में एस्पिरिन जैसे यौगिक तत्व मौजूद होते हैं जो जोड़े में दर्द और सूजन से राहत दिलाने में कारगार होता है।
मुलेठी
लीकोरिस रूट जिसे हम मुलेठी के नाम से भी जानते हैं। यह ना केवल हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत कर मौसमी बीमारियों के संक्रमण से दूर रखता है बल्कि यह गठिया की समस्या से निजात दिलाने में भी कारगार उपाय है। इसके लिए आप प्रतिदिन मुलेठी का सेवन करें। यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
लोहबान
बोसवेलिया जिसे लोहबान और शल्लकी के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें इसके पेड़ उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्वी देशों के सूखे पहाड़ी इलाकों में पाए जाते हैं। लेकिन हर जगह बोसवेलिया या शल्लकी की अलग अलग प्रजातियां पाई जाती हैं। बोसवेलिया की मुख्य प्रजाती बोसवेलिया सेरेट के नाम से जानी जाती है और यह मुख्य तौर पर पंजाब में अधिक मात्रा में पाई जाती है। यह जड़ी बूटी गठिया की समस्या से निजात दिलाने और दर्द से राहत दिलाने में कारगार होता है। यह ऑस्टियो अर्थराइटिस के रोगियों के लिए अधिक प्रभावी होता है।
अनसारिया टोमेंटोसा
अनसारिया टोमेंटोसा, जिसे बिल्ली का पंजा भी कहा जाता है। यह गठिया के दर्द और सूजन से निजात दिलाने में कारगार उपाय है। इसका सेवन कर आप जोड़ो में दर्द और सूजन से झटपट राहत पा सकते हैं। यह ऑस्टियो अर्थराइटिस के दर्द और सूजन से निजात दिलाने में अधिक प्रभावी उपाय है। यदि आप इस समस्या से ग्रस्त हैं तो नियमित तौर पर इसका सेवन करें।
थंडर गॉड वाइन
थंडर गॉड वाइन स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से निजात दिलाने में अधिक कारगार जड़ी बूटी है। यह एक प्रकार का पौधा होता है, जिसकी जड़ों और पत्तों का सेवन दवाई बनाने में प्रयोग किया जाता है। यह गठिया से पीड़ित रोगियों के लिए रामबांण सिद्ध हो सकता है। परंतु इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें अन्यथा इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।
आपको बता दें जड़ी बूटियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। डॉक्टर के दिशा निर्देशों के अनुसार ही आप इसका सेवन करें। साथ ही जड़ी बूटियों को लेते समय उसे अच्छे से जांच परख लें अन्यथा आप जड़ी बूटी को पहाचानने में गलती कर अपने लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।