कहीं आपको भी तो नहीं आता गुस्से और तनाव में पैनिक अटैक? जानें लक्षण और बचाव का तरीका

Panic Attack : तनाव, गुस्सा और डर कई बार इतना गंभीर हो जाता है कि इससे पैनिक अटैक तक आ जाता है। हार्ट अटैक की तरह नजर आने वाली इस बीमारी के बारे में जानना बेहद जरूरी है।

What is panic attack
Panic Attack , पैनिक अटैक, तनाव से होने वाला अटैक 
मुख्य बातें
  • तनाव और गुुस्से की स्थिति से खुद को निकालना सीखें
  • जब भी पैनिक अटैक आए लंबी सांस लेना शुरू कर दें
  • पैनिक अटैक मरीज के सामान्य होते ही खत्म हो जाता है

तनाव और गुस्सा कई बार इतना बढ़ जाता है जिससे शरीर में कई बदलाव होने लगते हैं। कई बार पैनिक अटैक से लोग बेहोश तक हो जाते हैं। ये तकलीफ हार्ट अटैक सी नजर आती है, क्योंकि लोगों को दिल में दर्द, संकुचन और सांस लेने में तकलीफ होने जैसा महसूस होता है। हालांकि ये शुरुआती दौर में खतरनाक नहीं होती, लेकिन बार-बार होने वाला पैनिक अटैक खतरनाक हो सकता है। गुस्से, डर या तनाव का इतना बढ़ना कई अन्य बीमारियों को जन्म देता है जिससे आगे चल कर दिल के दौरे की संभावना जरूर बढ़ जाती है। इसलिए पैनिक अटैक से खुद निकलने का प्रयास करें।

जानें, पैनिक अटैक के लक्षण

  • पैनिक अटैक में अचानक से सीने में संकुचन होने लगता है।
  • कई बार सांस लेने में तकलीफ होती है या सीने में चुभन महसूस होती है।
  • अचानक से पीसना आना, चक्कर या उल्टी आने की समस्या होती है।
  • घबराहट और दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
  • तेज गर्मी और घबराहट से बेहोशी भी आ सकती है।
  • गला सूखने या बार-बार टॉयलेट जाने की दिक्कत हो सकती है।
  • कई बार ये दर्द तेज होता है और कुछ देर में अपने आप ठीक भी हो जाता है।

पैनिक अटैक से कैसे बचें

पैनिक अटैक से बचने के लिए मरीज को खुद प्रयास करना होगा। उसे पैनिक अटैक के समय खुद को पैनिक होने से बचाना होगा।

अपनी समस्या को खुद पहचाने

पैनिक अटैक किन-किन कराणों से आपको आता है ये आपको खुद पता होगा। ऐसे में ऐसी स्थितियों से बचने का प्रयास करें। जब भी आपके अनुसार स्थिति बिगड़ने लगे तो आप खुद को वहां से हटा लें या अपने मन को कहीं और लगाएं।

संतुलन बनाए रखें

यदि आपको किसी डर के कारण पैनिक अटैक आता है तो मनोवैज्ञानिक की सलाह लें। यदि गुस्से के कारण आपको पैनिक अटैक आता हो तो गुस्से को कंट्रोल करने के उपाय करें। स्ट्रेस से बचने के लिए योग और एक्सरसाइज का सहारा लें ताकि अटैक के समय आप खुद को संतुलित रख सकें।

खुद से सकारात्मक संवाद करें

जब भी आपको ऐसा लगे कि आपके अनुरूप स्थतियां नहीं है या आपको इन स्थितियों में पैनिक अटैक आ सकता है तो आप खुद से बातें करें। खुद को परिस्थतियों से मुकाबला करने में हिम्मत भरें। खुद को बोलें कि आप इस परिस्थति से जीत कर रहेंगे आप खुद को अटैक नहीं आने देंगे आदि।

बुरे विचारों से बचे

पैनिक अटैक के समय कई बार बुरे ख्याल आने लगते हैं, लेकिन इनसे आपको निकलना होगा। जब भी ख्याल आए तो समझ लें कि ये कुछ वक्त के लिए आपके दिमाग को हैक करने वाला अटैक या वायरस है। खुद पर इसको हावी न होने दें।

आंख बंद करें

जब भी अटैक आएं अपनी आंखें तुरंत बंद कर लें और मौजूदा परिस्थिति से दूर मन को कहीं और ले जाएं। जहां आपको जा कर खुशनुमा फील होता है या किसी अपने का साथ महसूस करें।

एक्ससाइज करें

मसल्स को रिलैक्स करने के लिए एक्ससाइज करना सबसे अच्छा विकल्प होता है। जो भी एक्सरसाइज आपको अच्छी लगती हो आप उसे करें और तय करें कि जब आपको पैनिक अटैक आए तो आप खुद को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं।

जब भी पैनिक अटैक आए तो आप खुली हवा में आ जाएं और सांस को नियंत्रित करने की कोशिश करें। गहरी सांस लें। सांस को 1-2 सेकेंड्स के लिए रोकें और फिर बाहर निकालें।

 

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