नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव में अहम हथियार समझे जा रहे टीकाकरण के बाद लोगों को अलग-अलग तरह के अनुभव सामने आ रहे हैं। किसी को बुखार तो किसी को बांह में टीके लगाने वाली जगह पर सूजन और जलन जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि ऐसी तकलीफें सभी को हो रही हैं। लेकिन वैक्सीन लगवाने के बाद आम तौर पर लोग इस तरह की शिकायत करते हैं।
यह सिर्फ कोविड के टीकों की बात नहीं है। अन्य बीमारियों से बचाव को लेकर भी वैक्सीन लगवाने के बाद बच्चों से लेकर बड़ों तक में सिरदर्द, थकान और बुखार जैसे 'साइड इफेक्ट्स' देखे गए हैं, जिन्हें वैक्सीन का 'अस्थाई दुष्प्रभाव' कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये साइड इफेक्ट्स एक से दो दिन या तीन दिन में आम तौर पर ठीक हो जाते हैं। यही वजह है कि विशेषज्ञ अक्सर इसे लेकर परेशान नहीं होने की सलाह देते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, वैक्सीन लगने के बाद सामने आने वाले ये अस्थाई दुष्प्रभाव इस बात का संकेत होते हैं कि आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम सक्रिय है। अमेरिका की नियामक संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के वैक्सीन प्रमुख डॉक्टर पीटर मार्क्स के अनुसार, इम्यून सिस्टम के दो मुख्य हिस्से हैं, जिनमें से पहला शरीर में किसी भी बाहरी तत्त्व की मौजूदगी का एहसास होते ही सक्रिय हो जाता है।
बांह में जिस जगह टीका लगता है, वहां अक्सर लोगों को सूजन हो जाता है और कुछ लोगों को जलन भी महसूस होती है। ऐसे में दर्द, थकान, सिहरन जैसी समस्याओं का भी उन्हें सामना करना पड़ता है। इसकी प्रमुख वजह वाइट ब्लड सेल्स का इकट्ठा हो जाना है, जिस वजह से उस स्थान विशेष पर सूजन, जलन, दर्द, भारीपन की समस्या लोगों को हो जाती है, जहां उन्हें वैक्सीन लगता है। ये शिकायतें एक-दो दिनों में आम तौर पर दूर हो जाती हैं।
जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है, वैक्सीन लगने के बाद सभी को एक जैसी समस्या नहीं होती। आखिर क्या वजह है कि इसकी कि सबको वैक्सीन तो एक ही लगती है, पर सबकी परेशानी एक जैसी नहीं होती। इस बारे में यह स्पष्ट है कि हर किसी का शरीर अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया देता है। यह प्रतिक्रिया उम्र के हिसाब से भी अलग होती है। यही वजह है कि बुजुर्गों और युवाओं में अलग-अलग तरह दुष्प्रभाव देखे जाते हैं।
कई लोगों को टीका लगने के बाद भी बुखार, थकान, सिरदर्द जैसी समस्या नहीं होती। ऐसे में लोगों के जेहन में अक्सर यह सवाल भी उठता है कि क्या वैक्सीन काम नहीं कर रहा या ऐसा तो नहीं कि उनका इम्यून सिस्टम सक्रिय नहीं है? तो यह जान लेने की जरूरत है कि यह कहीं से भी टीका के काम नहीं करने या इम्यून सिस्टम के सक्रिय नहीं होने का संकेत नहीं देता, बल्कि यहां वैक्सीन इम्यून सिस्टम के दूसरे हिस्से को सक्रिय कर देता है, जिसमें एंटीबॉडी बनता है और शरीर को वायरस से असली बचाव मिलता है।