नई दिल्ली: 29 सितंबर को दुनिया भर में दिल की सेहत की खातिर वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है। दिल की धड़कन जैसे शब्दों को हम बचपन से सुनते आए हैं। यह जरूरी की दिल की सेहत का ख्याल रखना। मनुष्य के शरीर में कई ऐसी बीमारियां हो जाती हैं जिनका समय के साथ पता नहीं चलता है। लेकिन ऐसी बीमारी मनुष्य के शरीर को अधिक नुकसान पहुंचाती है। इन बीमारियों का पता लगाने के लिए इनके किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद तुरंत जांच करवानी चाहिए। यहीं सावधानी दिल को लेकर भी हर इंसान को बरतनी चाहिए।
इस नए युग में कई ऐसी बीमारियों ने जन्म ले लिया है जो अगर एक बार लग जाए तो फिर जीवन भर पीछा नहीं छोड़ती। कोलेस्ट्रॉल उनमें से ही एक है। यह एक ऐसी बीमारी है जो बड़े आराम से दस्तक देती है। कई सेहतमंद और नौजवान भी इसका शिकार बन जाते हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि यह बीमारी हमारे शरीर को लग चुकी होती है लेकिन हमें तब तक पता नहीं चलता है जब तक हम इसकी जांच न करा लें या हमें दिल का दौरा न पड़े। लेकिन कुछ साधारण और प्राकृतिक उपायों से शरीर को कोलेस्ट्रॉल से दूर रखा जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है और कैसे होता है ?
यह हमारे खून में मौजूद चर्बी जैसा एक पदार्थ होता है। हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं को काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरुरत पड़ती है। हमारा शरीर इसका निर्माण करता है और कई बार फास्ट फूड और अधिक तेल वाले खाने की वजह से भी यह हमारे शरीर में पहुँच जाता है। जब हमारे शरीर में अधिक कोलेस्ट्रॉल होता है तो वो हमारी धमनियों में प्रवेश कर जाता है। जिसके बाद यह रक्त संचार और दिल की बीमारी जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न करता है। शरीर में आवश्यकता से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की मौजूदगी को हम हाईपरकोलेस्ट्रोलेमिया बीमारी के नाम से जानते हैं। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल पाए जाते हैं, पहला कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (LDL) और दूसरा अधिक घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (HDL)। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने के अनेकों कारण है जिनमें से कुछ साधारण कारणों से हम आपको अवगत करा रहे हैं-
कोलेस्ट्रॉल की पहचान और लक्षण क्या हैं ?
अधिकांश मौके पर जब तक हम किसी परेशानी से नहीं घिरते या अपनी जांच नहीं करवाते हमें शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा का पता नहीं चलता है। अधिकतर लोगों को दिल का दौरा पड़ने के बाद बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का पता चलता है। खून की जांच शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल की मात्रा पता लगाने का सबसे सरल उपाय है> 200 mg/dl कोलेस्ट्रॉल को साधारण कोलेस्ट्रॉल माना जाता है जबकि 200-239 mg/dl को बॉर्डरलाइन हाई कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। वहीं वहीँ 240 mg/dl तक के आंकड़े को हाई कोलेस्ट्रॉल माना गया है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने पर दिल का दौरा पड़ने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के कुछ प्राकृतिक और साधारण उपाय
लेमनग्रास और तुलसी का तेल
अगर आप एक गिलास पानी में दो बूंद लेमनग्रास का तेल डाल कर पीएंगे तो यह रक्त के संचार में मदद करेगा। ठीक उसी तरह तुलसी का तेल भी बहुत कारगर है। तुलसी के अंदर यूगेनोल नाम का एक पदार्थ पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। आप इसका सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।
विटामिन
विटामिन B3, E, और C शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित रखने का काम करता है। विटामिन C शरीर में LDL की मात्रा को नियंत्रित करता है।
नारियल तेल
खाने-पीने में नारियल के तेल का इस्तेमाल आपके शरीर को फायदा पहुंचाने वाले कोलेस्ट्रॉल को शरीर में बढ़ाता है। साथ ही नारियल का तेल मनुष्य के शरीर को दिल की बीमारियों से दूर रखता है।
लहसुन
लहसुन में पाया जाने वाला पदार्थ एल्लीसिन प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। सलाद में लहसुन का उपयोग सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है।
मछली का तेल
अगर आप अपने प्रतिदिन के खान-पान में मछली लेते हैं तो यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। साथ ही 1000 mg के मछली के तेल का सप्लीमेंट भी बहुत कारगर साबित होगा।
दही
प्रतिदिन एक प्याला दही आपके शरीर को कई मायनों में फायदा पहुंचा सकता है। प्रोबायोटिक दही में अच्छे बैक्टीरिया पाए जाते हैं और शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है।
संतरे का रस
प्रतिदिन एक गिलास संतरे का रस आपको दिल की बीमारियों से दूर रखता है साथ ही कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
नींबू का रस
अगर आप हलके गर्म पानी में आधा नींबू का रस शहद के साथ प्रतिदिन खाली पेट सेवन करते हैं तो यह शरीर में LDL की मात्रा को काम करने में मदद करता है।
अगर आप खाने में ओट्स का इस्तेमाल करते हैं तो आप अपनी सेहत के लिए एक अच्छा काम कर रहे हैं। साथ ही जौ और फली का सेवन भी बहुत लाभदायक है। एवोकाडो, बादाम, पिस्ता, अखरोट और मूंगफली भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है।
कोलेस्ट्रॉल से बचाव के उपाय
शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा (चर्बी) को कम करें। बिस्कुट, चिप्स आदि खाने से परहेज करें। अगर आप धुम्रपान करते हैं तो उसे त्याग कर प्रतिदिन व्यायाम करें। साथ ही अधिक कोलेस्ट्रॉल के खतरे को टालने के लिए आपको शराब की आदत का भी त्याग करना होगा साथ ही अपने वजन की जांच लगातार करते रहें।