Chronic obstructive pulmonary disease: क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज अभी तक स्मोकिंग करने वालों में ही ज्यादातर देखनें को मिलती थी लेकिन अब ये बीमारी उन लोगों में भी तेजी से हो रही जो स्मोकिंग नहीं करते। इसके पीछे सिर्फ खतरनाक होता पॉल्यूशन है। स्मॉग का असर अब फेफड़ों को सिकोड़ने ही नहीं बल्कि धूल की मोटी परत से ढक रहा है।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज फेफड़े से जुड़ी बीमारी होती है जो सांसों को अवरुद्ध करता है और इससे सांस लेने में मुश्किल होती है। वातस्फीति (Emphysema) और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (chronic bronchitis) क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का ही लक्षण होते हैं। क्रोनिक ब्रोन्काइटिस ब्रोन्कियल ट्यूब्स (bronchial tubes) यानी श्वासनलियां में सूजन आ जाती है। जबकि वातस्फीति में फेफड़ों की सबसे छोटे हवा के अंश से बनी थैली (ब्रोन्कोइल) धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है।
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अफसोस की बात ये है कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से फेफड़ों में होने वाले नुकसान को दोबारा ठीक नहीं किया जा सकता है, इसलिए इस बीमारी से बचना ही एक उपाय है।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के लक्षण
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