नई दिल्ली. एड्स और एचआईवी को लेकर जहां लोगों में आज भी जागरुकता की कमी है। वहीं, इसे लेकर लोगों में काफी सारे कन्फ्यूजन भी हैं। इनमे से एक है कि मच्छर के काटने से एड्स हो जाता है। लेकिन हम आपको पहले ही बता दें कि एचआईवी एड्स मच्छरों के जरिए नहीं फैलता।
मच्छर नहीं करता HIV इन्फेक्टेड ब्लड ट्रांसमिट
मच्छरों की सूंड़ के छह पार्ट्स होते हैं। इनमें से चार किसी व्यक्ति या जानवर की स्किन में छेद करके खून चूसने के काम आते हैं। दूसरे दो पार्ट्स दरअसल दो ट्यूब्स होते हैं। एक ट्यूब के जरिए मच्छर किसी व्यक्ति या जानवर का खून अपनी बॉडी में खींचता है वहीं दूसरी ट्यूब से मच्छर का सैलाइवा यानि लार ह्यूमन बॉडी में ट्रांसमिट होती है। ये दो ट्यूब वाले सिस्टम के कारण ही एचआईवी वायरस इंसानों में ट्रांसमिट नहीं हो पाता। जब मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो सिर्फ सैलाइवा ही ह्यूमन बॉडी में ट्रांसमिट होता है। किसी इन्फेक्टेड व्यक्ति की चूसा हुआ एचआईवी इन्फेक्टेड ब्लड मच्छर ट्रांसमिट नहीं करता।
मच्छरों में नहीं होते Tसेल्स
ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस या एचआईवी अन्य वायरस और बैक्टीरिया से लड़कर उन्हें मारने के लिए जिम्मेदार रक्त में उपस्थित टी-सेल्स (T-cell) या सीडी4 सेल्स (CD4-cells) को नष्ट कर देता है। आपको बता दें कि मच्छरों के भीतर T सेल्स नहीं होते इसलिए वायरस को बढ़ने के चांस नहीं मिल पाते। मच्छर के पेट में खून के साथ ही एचआईवी वायरस भी डाइजेस्ट हो जाते हैं और पूरी तरह खत्म हो जाते हैं।
इन चीजों से भी नहीं होता एड्स
कई लोगों को एड्स के बारे में कई मिथक भी हैं। इनमें से एक है कि जिस व्यक्ति को एच.आई.वी होता है उनके आस-पास रहने से उन्हें यह बीमारी हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है एच.आई.वी छूने से, उस व्यक्ति के साथ खाना खाने में, उससे हाथ मिलाने में और उसके पसीने या अन्य किसी भी प्रकार से संपर्क में आने पर नहीं फैलता हैं। एड्स खून में संचारित होने के कारण फैलती है। लेकिन एचआईवी/ एड्स इन तरीकों से नहीं फैलता है।