नई दिल्ली: देश में कोरोना से निपटने में कारगर कोविशील्ड (Covishield Vaccine) खासी कारगर है और सरकार इसे लोगों को लगवाने की कवायद में जुटी है। इस सबके बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के 10 हजार डोज गायब होने का मामला सामने आया है, खास बात ये है कि जिस अस्पताल मैक्स हेल्थ केयर ( Max Health Care) ने इसे खरीदा उसका अता-पता ही नहीं मिल रहा है। मामला सामने आने के बाद से राजधानी भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है और वैक्सीन किसके पास है इसकी तफ्तीश की जा रही है।
मध्य प्रदेश के 6 प्राइवेट अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट से कोविशील्ड की 43 हजार डोज खरीदी थी और इसमें जबलपुर के मैक्स हेल्थ केयर ने 10 हजार डोज खरीदी मजे की बात ये कि इस नाम का अस्पताल ही शहर में नहीं है।
मैक्स हेल्थ केयर नाम के अस्पताल ने सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से कोविशील्ड की 10,000 डोज की बुकिंग करवाईं, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि इस नाम का कोई अस्पताल ही नहीं है,मतलब कि एक काल्पनिक अस्पताल के नाम से 10 हजार कोविशील्ड की डोज बुक कर दी गयीं अब इसके पीछे क्या मकसद है ये बड़ा सवाल है।
इस सनसनीखेज मामले का खुलासा भोपाल से मिले पत्र के बाद उजागर हुआ जब टीकाकरण अधिकारी को अस्पताल का निरीक्षण करने के आदेश दिए गए जांच में टीकाकरण अधिकारी ने पाया कि ऐसा कोई अस्पताल है ही नहीं इसके बाद तो वहां हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसके बारे में पता कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोवीशील्ड की खरीदी किसने की और इसके पीछे मकसद क्या था वैक्सीन आखिर है कहां?
गौर हो कि हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने नई घोषणा की है, इसके मुताबिक अब केंद्र सरकार 75 फीसदी वैक्सीन खुद खरीदेगी। 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पतालों को सीधे खरीदने की छूट दी गई है।
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