नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण पर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने चौंकाने वाली बात कही है। गौबा ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले दो महीने के भीतर 15 लाख से ज्यादा लोग विदेशों से भारत आए और ऐसा लगता है कि विदेश से जितने लोग भारत आए उन सभी की कोविड-19 की जांच नहीं हुई क्योंकि लोगों की जांच और भारत आए लोगों की संख्या में अंतर है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबक अपने पत्र में गौबा ने कहा है कि विदेश से आए यात्रियों की निगरानी में इस तरह का अंतर कोरोना वायरस संक्रमण को सीमित करने के सरकार के प्रयासों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। कैबिनेट सचिव का कहना है कि भारत में जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं उनमें से कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में विदेश की यात्रा की है।
कैबिनेट सचिव की इस पत्र के बाद राज्यों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। विदेशों से भारत आए सभी यात्रियों की पहचान और जांच यदि राज्यों ने नहीं की है तो कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के सरकार के प्रयास धूमिल हो सकते हैं। बता दें कि भारत में हाल के दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिली है। भारत में इस वायरस से संक्रमण के अब तक 724 मामले सामने आए हैं। इस वायरस से 17 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में 75 नए केस सामने आए हैं।
भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की। पीएम ने लोगों से अपने घरों की 'लक्ष्मण रेखा' न लांघने की अपील की। कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टैंसिंग पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में लोगों से सोशल डिस्टैंसिंग अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति कि एक चूक उसे और उसके परिवार को गंभीर खतरे में डाल सकती है।
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