21 जून को होता है सबसे लंबा दिन, आपकी परछाई से है सीधा कनेक्शन

Longest Day of the Year: साल में चार दिन ऐसे होतें हैं, जिनकी अलग ही खासियत है। इन चार दिनों में 21 मार्च, 21 जून, 23 सितंबर और 22 दिसंबर आते हैं। 21 जून को पृथ्वी पर सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है।

Summer Solstice
21 जून को होता है सबसे लंबा दिन 
मुख्य बातें
  • 21 जून के बाद दिन की अवधि घटने लगती है और रात की अवधि बढ़ने लगती है।
  • 21 जून को सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ता हैं।
  • सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है, उस दौरान परछाई भी नहीं बनती है। 

Longest Day of the Year: वैसे तो साल में 365 दिन होते हैं और हर दिन 24 घंटे का होता है। लेकिन साल में चार दिन ऐसे होतें हैं, जिनकी अलग ही खासियत है। इन चार दिनों में 21 मार्च, 21 जून, 23 सितंबर और 22 दिसंबर आते हैं। आज 21 जून है, और यह पृथ्वी का सबसे लंबा दिन होता है। यानी 21 जून को पृथ्वी पर सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। अहम बात यह है कि इस दिन दोपहर में एक ऐसा पल भी आता है, जब परछाई भी मनुष्य और दूसरे जीवित प्राणियों का साथ छोड़ देती है।

क्यों होता है 21 जून सबसे बड़ा दिन

यह तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी अपने अक्ष और सूर्य की कक्षा में परिक्रमा करती है। तो परिक्रमा के दौरान 21 जून  को दोपहर में ऐसी स्थिति बनती है, जब सूर्य  कर्क रेखा के ऊपर होता है। इसका मतलब यह है कि 21 जून को सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहता है। यानी  पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होता और सूर्यास्त देर से होता है। जिसके कारण 21 जून सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ता हैं। जिसके कारण दिन की अवधि सबसे लंबी होती है। और जिस वक्त ,सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है, उस दौरान परछाई भी नहीं बनती है। 

इसके बाद दिन की अवधि घटने लगती है

पृथ्वी की परिक्रमा के कारण 21 जून के बाद दिन की अवधि घटने लगती है और रात की अवधि बढ़ने लगती है। फिर 21 सितंबर को ऐसा समय आता है, जब दिन और रात की अवधि बराबर हो जाती है। और  इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने लगती है और दिन की अवधि घटने लगती है। 22 दिसंबर को एक उत्तरी गोलार्ध में रात सबसे लंबी हो जाती है और दिन सबसे छोटा हो जाता है। इसके बाद फिर 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा के ऊपर होता है। और इस दिन फिर से दिन और रात की अवधि एक बराबर हो जाती है।

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