तीसरा जमींदार है वक्फ बोर्ड! नाम पर रजिस्टर्ड हैं  8.51 लाख संपत्तियां, 8 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर अधिकार

Waqf Board properties news : निजी मदरसों के बाद योगी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का जांच का आदेश देकर राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध तरीके से दूसरे के नाम स्थानांतरित नहीं किया जा सकता और न ही बेचा जा सकता है।

8.51 lakh properties registered with Waqf Board, rights on more than 8 lakh hectares
निजी मदरसों के बाद यूपी में अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का होगा सर्वे।  
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश में सर्वे टीमें निजी मदरसों का सर्वे शुरू कर चुकी हैं
  • मदरसों के बाद यूपी में अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे होगा
  • वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लगेगी

Waqf Board properties : निजी मदरसों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे कराने का आदेश दिया है। सर्वे का यह आदेश कमिश्नरों एवं कलेक्टरों को जारी हो गया है। वक्फ बोर्ड को सर्वे टीम को अपनी संपत्तियों की जानकारी देनी होगी। टीम इन संपत्तियों की जांच करेगी। बता दें कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की अवैध खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए योगी सरकार ने मंगलवार को सर्वे का आदेश दिया। बता दें कि देश में वक्फ बोर्ड के पास अकूत संपत्तियां हैं। हाल के दिनों में इन संपत्तियों को अवैध तरीके से बेचने के आरोप लगे हैं। 

वक्फ बोर्ड के पास 8.51 लाख संपत्तियां रजिस्टर्ड 
रिपोर्टों के मुताबिक देश भर में वक्फ बोर्ड के पास 8.51 लाख संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं और 8 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर उसका मालिकाना हक है। इतनी संपत्तियां उसे एक तरह से देश का तीसरा सबसे बड़ा जमींदार बनाती हैं। वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्ति बंगाल में है। पश्चिम बंगाल में उसकी संपत्तियों की संख्या 80,480 है। पंजाब में उसके पास 70,994, तमिलनाडु में 65,945 और कर्नाटक में 61,195 संपत्तियां हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इस संस्था के पास बड़ी संख्या में संपत्तियां हैं। 

UP Waqf properties: यूपी में मदरसों के बाद अब 'वक्फ संपत्तियों' का रिकॉर्ड खंगालेगी योगी सरकार

संपत्तियों की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी 
निजी मदरसों के बाद योगी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का जांच का आदेश देकर राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध तरीके से दूसरे के नाम स्थानांतरित नहीं किया जा सकता और न ही बेचा जा सकता है। योगी सरकार का यह एक्शन वक्फ बोर्ड के लोगों एवं मुस्लिम संस्थाओं को नागरवार गुजरा है। इस कदम के पीछे मुस्लिम लीग को राज्य सरकार की मंशा में खोट नजर बताया है। मुस्लिम लीग का कहना है कि सर्वे पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने भी सर्वे पर सवाल उठाया है। एआईएमआईएम नेता असीम वाकर ने पूछा कि योगी सरकार केवल मदरसों एवं वक्फ का ही सर्वे क्यों करा रही है?  

'गलत तरीके से दी गई जमीन वापस ली जाएगी'
वहीं राज्य सरकार के इस फैसले का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि '33 साल पहले जो गलत तरीके से वक्फ को जमीन दी गई थी..अब उनको वापस लेने का काम किया जाएगा..हम कहते हैं विकास सबका लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं।' आदेश के मुताबिक यूपी में प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को भी निरस्त करते हुए हुए जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।


 

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