नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ जिले में बहुत दशकों से किसी त्यौहार या सामाजिक मिलन के मौके पर घोड़ों की दौड़ (Horse Race) करवाने की परंपरा है। पूरे कच्छ में बहुत जगहों पे खुले मैदानों में यह दौड़ होती है जिसमे पूरे कच्छ में से घुड़सवार हिस्सा लेते हैं। मिल रही जानकारी मुताबिक मांडवी तहसील के त्रगडी गांव में पीर सुलतानशा वली का मेला आयोजित किया गया था और इस मौके पे मेले की आयोजन समिति ने हर साल की तरह अश्व दौड़ का आयोजन भी किया था जिसमे पूरे कच्छ से लोगों को आमंत्रण दिया गया था।
त्रगडी गुंदियाली रोड़ पे रखी गई दौड़ें दोपहर को तीन बजे के बाद शुरू हुई थी दौड़ में अचानक ही एक भयानक हादसा हो गया, कच्ची सड़क पर दौड़ रहे घोड़ों में से अचानक एक घोड़ा अपने सवार के साथ रास्ते पे लगे एक बिल्ली के खंभे के साथ टकराया।
घोड़े की रफ्तार काफी तेज थी और इतनी रफ्तार से सीमेंट के खंभे के साथ टकराने की वजह से युवक को गंभीर चोटें आई और इलाज मिलने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई, जानकारी के मुताबिक जिसकी मौत हुई वह युवक का नाम राजदीपसिंह किशनसिंह जडेजा है जिसकी उम्र मात्र 21 साल थी।
इस मेले में तीन अलग अलग किस्म की घोड़ों की दौड़ रखी गई थी और जीतने वाले अश्वसवारों को 500 से लेके 5000 रुपए तक का इनाम घोषित किया गया था कच्छ राजाशाही समय से ही घोड़ों का शौकीन रहा है। आज कच्छ में तरह तरह की नस्ल के घोड़े देखने को मिलते हैं और इन्ही घोड़ों से यहां के युवान कच्छ और कच्छ के बाहर भी आयोजित की जाती अश्व दौड़ में हिस्सा लेते हैं। तब बिना कोई पेशेवर एहतियात के बगैर आयोजित की जाती इन दौड़ में लोगों की जान को बहुत बड़ा खतरा खड़ा होता है।
अमित राजपूत की रिपोर्ट
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