नई दिल्ली: 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया जाएगा। लेकिन उससे पहले एक बड़ी जानकारी सामने आई थी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया था कि राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसका मकसद ये है कि बाद में सालों बाद भी अगर कोई राम जन्मभूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इससे जान सकता है। हालांकि अब राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसे नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन के नीचे टाइम कैप्सूल रखने की सभी खबरें झूठी हैं। ऐसी किसी अफवाह पर विश्वास न करें।
कामेश्वर चौपाल ने कहा था, 'राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन में लगभग 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसलिए, भविष्य में जो कोई भी मंदिर के इतिहास के बारे में अध्ययन करना चाहता है, वह राम जन्मभूमि से संबंधित तथ्य प्राप्त करेगा।'
उन्होंने कहा था कि रामजन्मभूमि के इतिहास को सिद्ध करने के लिए जितनी लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ी है, उससे यह बात सामने आई है कि अब जो मंदिर बनवाएंगे, उसमें एक टाइम कैप्सूल बनाकर के 2000 फीट नीचे डाला जाएगा। ताकि भविष्य में जब कोई भी इतिहास देखना चाहेगा तो राजन्मभूमि के संघर्ष के इतिहास के साथ तथ्य भी निकल कर आएगा। ताकि कोई भी विवाद वहां उत्पन्न न हो सके।
पीएम मोदी के हाथों होगा शिलान्यास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए तराशे गए पत्थरों का निरीक्षण किया। राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे से पहले मुख्यमंत्री की अयोध्या की यह यात्रा हुई है। शिलान्यास समारोह के बाद मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते केवल 200 लोग समारोह में शामिल होंगे और सामाजिक दूरी के नियम का पालन किया जाएगा।
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