शरद यादव से मिलने के बाद राहुल बोले-2024 के लिए विपक्ष को एकजुट होना होगा, बन रहा फ्रेमवर्क 

देश
रंजीता झा
रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Apr 08, 2022 | 17:04 IST

Rahul Gandji News : आज की मुलाकात के बाद जब राहुल गांधी शरद यादव के साथ बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शरद यादव उनके राजनीतिक गुरु हैं। उन्होंने देश और राजनीति के बारे में शरद यादव से काफी कुछ सीखा है।

 After meeting Sharad Yadav, Rahul says opposition will have to unite for 2024
शरद यादव से मिले राहुल गांधी। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवनार को देश के वरिष्ठ नेता शरद यादव से मिलने उनके निवास स्थान पहुंचे। तकरीबन आधे घंटे तक राहुल गांधी और शरद यादव के बीच मुलाकात चली। राहुल गांधी जब मुलाकात कर बाहर निकले तो उनकी साथ शरद यादव भी बाहर निकले। राहुल गांधी ने शरद यादव का हाथ अपने हाथ में थाम रखा था। लंबे अरसे से शरद यादव बीमार चल रहे थे राहुल गांधी शरद यादव के स्वास्थ्य की जानकारी लेने पहले भी कई बार हॉस्पिटल और उनके घर जा चुके हैं।

शरद यादव को अपना राजनीतिक गुरु बताया
आज की मुलाकात के बाद जब राहुल गांधी शरद यादव के साथ बाहर आए तो उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शरद यादव उनके राजनीतिक गुरु हैं। उन्होंने देश और राजनीति के बारे में शरद यादव से काफी कुछ सीखा है। राहुल ने एक घटना का जिक्र भी किया जिसमें उन्होंने कहा कि किस तरह से आंध्र प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान वह शरद यादव के साथ एक ही गाड़ी में 3 घंटे तक थे। राहुल ने कहा कि उन 3 घंटों में हिंदुस्तान की राजनीति के बारे में उन्होंने जितना कुछ शरद यादव से सीखा, वो उन पर एक कर्ज है।

विपक्षी दलों को एक मंच पर आना चाहिए-राहुल
शरद यादव से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कई विषयों पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। सबसे पहले तो राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी एकता जरूरी है इसके लिए जो भी नरेंद्र मोदी और आरएसएस के खिलाफ है उन सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर आना चाहिए। राहुल ने कहा की विपक्षी एकता के फ्रेमवर्क पर बातचीत चल रही है। इसको आगे भी डेवलप करने की जरूरत है। हालांकि, राहुल गांधी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के बीच उम्मीदवार के नाम की चर्चा पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।

'शांति के बिना देश की तरक्की नहीं हो सकती'
बढ़ती महंगाई और आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार की विफलता को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब तक देश में अमन चैन और शांति का वातावरण नहीं होगा तब तक आर्थिक तरक्की नहीं हो सकती है। राहुल ने कहा–देश को मजबूत बनाना है तो सबसे पहले शांति जरूरी है। बीजेपी के लोग सोचते हैं कि नफरत फैलाकर लोगों को डरा कर लोगों को मारकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा के आजा हिंदुस्तान के आर्थिक हालात हैं, जो रोजगार के हालात हैं, उसकी आप कल्पना नहीं कर सकते। क्योंकि इस देश का जो रोजगार का जो स्ट्रक्चर है, जो रीढ़ की हड्डी है वो आज टूट गए हैं।

मीडिया पर सरकार का कब्जा-राहुल
राहुल गांधी ने एक बार फिर संवैधानिक संस्थाओं पर मोदी सरकार द्वारा कब्जा किए जाने का आरोप लगाया राहुल ने कहा कि विपक्ष की आवाज इसलिए नहीं सुनी जा रही है क्योंकि देश की मीडिया पर आज सरकार ने कब्जा जमा रखा है। राहुल ने उदाहरण देते हुए कहा कि आज लाउडस्पीकर सिर्फ सरकार के हाथ में है। पहले यह लाउडस्पीकर कभी सरकार के तो कभी विपक्ष के हाथ में होता था लेकिन आज मीडिया पर पूरी तरह से कंट्रोल सरकार ने और आरएसएस ने कर रखा है।

'रूस जैसा काम चीन भी करना चाहता है'
राहुल ने कहा की सच्चाई से बचने का कोई तरीका नहीं है। आप 6 महीने, 1 साल, 2 साल, 3 साल मीडिया के माध्यम से सच्चाई को दबा सकते हो मगर जब सच्चाई युवाओं के पेट तक पहुंचेगा तो इसे नहीं छुपाया जा सकेगा। पिछले दो-तीन सालों में मीडिया ने सच्चाई को छुपाया है। बीजेपी, आरएसएस ने सच्चाई को छुपाया है। आने वाले दिनों में सच्चाई बाहर निकलेगी। आज श्रीलंका में सच्चाई बाहर आ गई है, हिंदुस्तान में भी सच्चाई बाहर आ जाएगी। राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन का मुद्दा उठाया। राहुल ने कहा कि जो काम रूस यूक्रेन में कर रहा है, वही काम चीन भारत में करना चाहता है। उन्होंने कहा की जिस तरह से रूस लोहांस्क, डोनेस्क को यूक्रेन का हिस्सा नहीं मानता, उसी तरह से चीन कह रहा है की लद्दाख, अरुणाचल आपका हिस्सा नहीं है।

राहुल गांधी के दरवाजे पहुंची पंजाब नेताओं की आपसी लड़ाई, जाखड़ के खिलाफ चन्नी की शिकायत 

बहरहाल शरद यादव से मुलाकात के बहाने राहुल गांधी ने आज कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। फिर चाहे वह महंगाई या अर्थव्यवस्था का हो, या फिर विपक्षी एकता और चीन से खतरे का हो। लेकिन राहुल के सामने चुनौती ये है की जिस तरह शरद यादव राहुल गांधी की राजनीति में विश्वास कर रहे हैं। वही विश्वास दूसरे विपक्षी दल भी राहुल में दिखाएं।

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