बिहार में पुल के बाद अब पंचायत भवन की चोरी, आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी जारी

अभी कुछ दिनों पहले बिहार से पुल चोरी की खबर आई थी। लेकिन अब जो खबर आ रही है उसके मुताबिक पंचायत भवन की चोरी हुई है और आरोप गांव के मुखिया पर लगा है।

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बिहार में पंचायत भवन की चोरी चर्चा के केंद्र में  
मुख्य बातें
  • बिहार के मुजफ्फरपुर में पंचायत भवन चोरी का मु्द्दा चर्चा में
  • मुखिया का कहना है कि जर्जर इमारत को तोड़ा गया
  • आरोप लगाने वाले शख्स का कहना कि मुखिया ने ईटें चुरा कर बेच दी

अगर आपको पता चले कि पंचायत भवन को ही चुरा लिया गया है तो हैरत में पड़ जाएंगे कि आखिर यह कैसे हो सकता है। लेकिन बिहार में पुल की चोरी के बाद मुजफ्फरपुर जिले में पंचायत भवन की चोरी चर्चा में है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया उमाशंकर गुप्ता ने जेसीबी मशीन से पंचायत भवन को जमींदोज करा दिया और उसमें से जो ईंटे निकलीं उसे बेच दिया। लेकिन मुखिया ने आरोपों को गलत बताया है उनका कहना है कि जिस भवन की बात की जा रही है कि वो पूरी तरह से बना ही नहीं था। उसमें किसी तरह का कार्यक्रम नहीं होता था। उन्होंने उस इमारत को गिरवाया और उसका मलबा भी पड़ा हुआ है कोई भी तस्दीक कर सकता है कि सच क्या है जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो पूरी तरह गलत है।

मुखिया पर पंचायत भवन की चोरी का आरोप
औराई के मुखिया उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि पहली बात तो यह है कि वहां कोई पूर्ण भवन नहीं था। जो इमारत थी वो जर्जर थी जिसमें पंचायत का काम कर पाना संभव नहीं था। उन्होंने खुद जेसीबी से इमारत को तोड़वाया और इसकी जानकारी संबंधित लोगों को है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं वो सच्चाई से कोसों दूर है। वो पंचायत भवन के निर्माण के लिए कोशिश कर रहे हैं। जो लोग आरोप लगा रहे हैं पहले उन्हें मौके पर आना चाहिए और उसके बाद किसी तरह का आरोप लगाएं। 


हाल ही में पंचायत भवन में हुआ था मतदान

आरोप लगाने वाले शख्स विनय कुमार का कहना है कि पंचायत के मुखिया जी सरासर झूठ बोल रहे हैं। पंचायत भवन की हालत अच्छी थी। वहां मीटिंग होती थी। हाल ही में चुनाव के दौरा उसी बिल्डिंग में बूथ बनाया गया था। आखिर जो इमारत 9 कट्ठे में बनती है वो दो कट्ठे में कैसे बन सकती है। वर्तमान मुखिया जी सच पर पर्दा डाल रहे हैं। उस भवन में मीटिंग हुआ करती थी और उसके गवाह सैकड़ों लोग हैं। औराई प्रखंड पंचायती राज अधिकारी गिरिजेश नंदन ने संबंधित मुखिया और पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर लिखित जवाब मांगा कि क्या हुआ और कैसे हुआ। निर्दोष होने के मौखिक दावों के अलावा आरोपी मुखिया-सचिव की जोड़ी द्वारा कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।

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