नई दिल्ली : भारत और रूस ने अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत करते हुए हथियार निर्माण पर सोमवार को एक बड़ी डील की। दोनों देशों के बीच 5,200 करोड़ रुपए की कलाश्निकोव डील हुई। इस डील के तहत भारत में करीब 6 लाख एके 203 राइफल का निर्माण किया जाएगा। इस डील पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोयगू ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और रूस के बीच रक्षा करार अभूतपूर्व तरीके से आगे बढ़े हैं।
रूसी समकक्षों से हुई 2+2 वार्ता
रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि रूस चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमेशा की तरह भारत का प्रमुख सहयोगी बना रहेगा। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राजनाथ सिंह की अपने रूसी समकक्षों सर्गेई लावरोव एवं सर्गेई शोयगू के साथ 2+2 वार्ता हुई। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भारत पहुंचने वाले हैं। समझा जाता है कि पुतिन एयर डिफेंस मिसाइल एस 400 का एक मॉडल सौपेंगे।
बैठक में अफगानिस्तान पर भी बात
रूसी शिष्टमंडल के साथ बातचीत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान के हालात का मध्य एशिया सहित इस पूरे इलाके में प्रभाव पड़ेगा। समुद्री सुरक्षा चिंता का एक दूसरा पहलू है। उन्होंने कहा, 'आसियान एवं आसियान से जुड़े मंचों पर भारत और रूस साझा हित हैं।' शोयगू और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने भारतीय समकक्षों के साथ ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की शुरुआत करने के लिए रविवार रात यहां पहुंचे। इस ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता के बाद दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाले शिखर सम्मेलन में दोनों मंत्री राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हिस्सा लेंगे।
समय पर खरे उतरे हैं भारत-रूस के संबंध- राजनाथ
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और रूस के संबंध समय पर खरे उतरे हैं। यह संबंध वैश्विक शांति, समृद्धि, आपसी विश्वास एवं समझ और बहुपक्षवाद के साझा हितों पर आधारित है। रूस के सहयोगी की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों का करीबी सहयोग किसी देश के खिलाफ नहीं है। सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग से इस पूरे क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि आएगी।
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