अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों से गुजरात के केवड़िया को जोड़ने वाली आठ ट्रेनों को रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हरी झंडी दिखाई। ये ट्रेनें वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से केवड़िया को जोड़ेंगी। इससे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' तक कनेक्टिविटी (संपर्क सुविधाएं) बढ़ने के आसार हैं। इन आठ ट्रेनों में अहमदाबाद से केवड़िया के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस भी है, जिसके कोच बेहद शानदार हैं।
इसमें विस्टाडोम पर्यटन कोच की सुविधा उपलब्ध है, जिसकी छत और खिड़कियों में शीशे लगे हैं। कोच की छत और खिड़कियों में शीशे लगे होने के कारण इसमें बैठे यात्री यात्रा के दौर बाहर का खूबसूरत नजारा भी देख सकेंगे। यह ट्रेन गुजरात के केवड़िया स्थित विश्व की सबसे ऊंचे मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जाने और वहां से आने के लिए यात्रियों को शानदार लग्जरी सुविधा प्रदान करेगी। इसे विशेष रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने और ट्रेन की यात्रा को सुंदर व यादगार बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने केवड़िया में नए रेलवे स्टेशन की इमारत का भी उद्घाटन किया, जिसे स्थानीय विशेषताओं और आधुनिक यात्रा सुविधाओं के हिसाब से यात्रियों के आकर्षण को देखते हुए डिजाइन किया गया है। इसके अतिरिक्त केवड़िया ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन है।
केवड़िया में रेलवे स्टेशन की नई इमारत के अतिरिक्त दाभोई चंदोद परिवर्तित ब्रॉड गेज रेलवे लाइन, चंदोद केवड़िया नई ब्रॉड गेज रेल लाइन, नव विद्युतीकृत प्रतापनगर केवड़िया खंड और दाभोई, चंदोद एवं केवड़िया की नई रेलवे स्टेशन इमारतों का भी उद्घाटन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि ये आठ ट्रेनें इस जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेंगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा तक पहुंच बढ़ाएंगी, जिसका उन्होंने अक्टूबर 2018 में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती के मौके पर उद्घाटन किया था।
गुजरात के अहमदाबाद और केवडिया के बीच चलने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस की तस्वीरें पीएम मोदी ने रेल परियोजनाओं के उद्घाटन से पहले शनिवार को ही अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की थी और बताया था कि इनमें विस्टाडोम पर्यटन कोच की सुविधा उपलब्ध है।
रेल परियोजनाओं के रविवार को उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छोटी रेल लाइनों पर कभी चलने वाली धीमी गति वाली ट्रेनों में अपनी पुरानी यात्राओं को भी याद किया और कहा कि वह भी उन दिनों छोटी लाइन के जरिये यात्रा का आनंद लिया करते थे।
पीएम मोदी ने कहा कि उस समय बड़ौदा (वडोदरा) से दाभोई के बीच छोटी रेल लाइन पर जो ट्रेन चलती थी, उस समय उनकी गति इतनी धीमी होती थी कि लोग कहीं भी आराम से उतर या चढ़ सकते थे। आप ट्रेन के साथ भी कुछ दूर तक चल भी सकते थे और कई तो ऐसा लगता था कि आपकी (चलने की) गति उस ट्रेन की गति से अधिक है।
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