नई दिल्ली। एआईएमाईएम के नेता अपने जहरीले बोल के लिए जाने जाते हैं। पार्टी के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी हों या उनके भाई हों या उनकी पार्टी का कोई नेता हो। सीएए और एनआरसी पर बोलते ये हक की लड़ाई है, हम सबके सामने तरह तरह की चुनौतियां आएंगी। लेकिन हमें कामयाब होना होगा। चार डिग्री सेल्सियस के तापमान में आप लोगों मे बहुत कुछ कुर्बानियां दी हैं। लेकिन आप लोगों की कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से।
वारिस पठान ने कहा कि सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध के संबंध में जब वो कुछ नहीं कर सके तो वो अदालत गए। हम किसी के लिए किसी तरह की दिक्कत नहीं खड़ा करना चाहते हैं, सच में हम समस्या का समाधान चाह रहे हैं। हमारे बच्चे हम सबसे पूछेंगे कि आप लोगों से आवाज क्यों नहीं उठाई, हमारे बच्चों को किसी तरह की मुश्किल नहीं आनी चाहिए। हमें संविधान के दायरे में रहकर विरोध करना है क्योंकि यहां की पुलिस थोड़ी अलग है जिस तरह से गिरगिट सात बार रंग बदलता है ठीक वैसे ही यहां की पुलिस 14 बार रंग बदलती है।
उन्होंने अपनी तकरीर में कहा कि हमने देखा है कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर किस तरह से छात्रों के साथ सलूक किया गया। लेकिन वही पुलिस जेएनयू के अंदर क्यों नहीं दाखिल हुई। केवल इसलिए कि वो सिर्फ सिर्फ मोदी मोदी के नारे लगा रहे थे। वहां नारे लगाए जा रहे थे देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को। लेकिन वहां इस लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि वो सबकुछ प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के इशारे पर हो रहा था।
यूपी में बीजेपी का एक नेता है, मैंने उसे जोकर गुंडा का नाम दिया है। वो कहते हैं वो मुसलमानों को दफन कर देंगे। लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि हम यहीं पैदा हुए हैं और यही मरेंगे और इस तरह की जहरीली तकरीरों के साथ लेकर रहेंगे आजादी से अपनी बात खत्म की। यही नहीं बीजेपी द्वारा मीडिया पर दबाव बनाने के संदर्भ में कहा कि समय है सुधर जाओ, साइलेंट हो जाओ वर्ना हिंसक हो जाएंगे।
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