Air Force Day 2020: एयर फोर्स डे पर भारतीय वायु सेना ने कुछ इस कदर दिखाया पराक्रम [PHOTOS]

वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस के मौके पर भारतीय वायु सैनिकों ने अपनी जांबाजी का प्रदर्शन किया। इस दौरान हमारे सैनिकों का पराक्रम देखने को मिला। आप इसकी तस्वीरें यहां देख सकते हैं।

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एयर फोर्स डे  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को की गई थी। वायुसेना आज अपना 88वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को कहा कि राफेल, अपाचे और चिनूक विमानों को शामिल करने के साथ जारी आधुनिकीकरण की प्रक्रिया से भारतीय वायुसेना और ताकतवर सामरिक बल बनेगी।

उन्होंने वायुसेना दिवस के अवसर पर कहा कि देश हमारे आसमान की रक्षा करने व आपदा राहत कार्यों और मानवीय सहायता पहुंचाने में असैन्य प्राधिकारियों की मदद करने के लिए भारतीय वायुसेना के योगदान का ऋणी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 88वें भारतीय वायुसेना दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए देश के ‘‘वीर योद्धाओं’’ को सलाम किया।

पीएम ने कहा कि राष्ट्र के प्रति उनका साहस, शौर्य और समर्पण हर किसी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने कहा कि वायुसेना के जांबाज ना सिर्फ दुश्मनों से भारतीय आसमान की रक्षा करते हैं बल्कि आपदा की स्थिति में मानवता की सेवा में भी बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका का निर्वाह करते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वायुसेना दिवस पर जवानों के साहस और उनकी दृढ़ता की सराहना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अपने पराक्रमी योद्धाओं की दहाड़ बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने बृहस्पतिवार को वायुसेना दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में पूर्वी लद्दाख में वायुसेना की युद्ध संबंधी तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि बल ने अपने संकल्प, अभियान क्षमता और जरूरत पड़ने पर अपने दुश्मन से प्रभावी तरीके से निपटने की इच्छाशक्ति का ‘‘स्पष्ट’’ तरीके से प्रदर्शन किया है।

वायुसेना प्रमुख ने हवाई योद्धाओं की हालिया गतिरोध के दौरान उत्तरी सीमा में त्वरित तैनाती के लिए प्रशंसा की तथा किसी भी तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए बहुत कम समय में लड़ाकू साजो सामान की तैनाती के बारे में भी बात की। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच पांच महीने तक गतिरोध के हालात बने रहे। इस बीच वायुसेना ने किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिहाज से क्षेत्र में महत्वपूर्ण तैनातियां की हैं।

वायुसेना दिवस के अवसर पर हिंडन में आयोजित कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘उत्तरी सीमाओं पर हाल के गतिरोध के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए मैं सभी वायु योद्धाओं की सराहना करता हूं, तब हमने किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए अपने लड़ाकू साजो सामान को अल्प सूचना पर तैनात किया तथा भारतीय सेना के लिए तैनाती और जीवनाधार की सभी आवश्यकताओं के लिए सक्रिय समर्थन प्रदान किया।’’

उन्होंने कहा कि हाल ही में बेड़े में शामिल राफेल, चिनूक और अपाचे जंगी विमानों से शत्रुओं से मुकाबला करने की हमारी क्षमता में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा, ‘‘हमने अपने संकल्प, अपनी संचालन क्षमता और प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने की इच्छाशक्ति का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन किया है।’’

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