हैदराबाद : तेलंगाना के श्रीसैलम पनबिजली प्लांट में फंसे सभी नौ कर्मचारियों के शव शुक्रवार को बरामद हो गए। इस प्लांट में गुरुवार रात आग लगने के बाद इसके भीतर ये लोग फंस गए थे। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपनी संवेदना जताई है। बरामद शवों में से तीन की पहचान सहायक इंजीनियर सुंदर नाइक, मोहन कुमार और फातिमा के रूप में हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
इस घटना पर शोक जताते हुए पीएम मोदी ने कहा, श्रीसैलम प्लांट में लगी आग बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएंगे।' गृह मंत्री शाह ने कहा, 'तेलंगाना के पनबिजली प्लांट में हुए हादसे में लोगों के मारे जाने के बारे में सुनकर काफी पीड़ित हूं। मैं पीड़ित परिजनों के लिए अपनी संवेदना जताता हूं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ ठीक होने की कामना करता हूं।'
मुख्यंत्री राव ने इस घटना की जांच सीआईडी से कराने के आदेश दिए हैं। जांच का जिम्मा सीआईडी के अपर निदेशक गोविंद सिंह को सौंपा गया है। सिंह से जल्द से जल्द इस घटना पर जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। सीएम ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि प्लांट में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सभी संभव प्रयास किए गए लेकिन सफलता नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर की है।
हादसे के बाद घटना स्थल पर पहुंचे राज्य के बिजली मंत्री जी जगदीश्ववर रेड्डी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसी आशंका है कि प्लांट में आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और आग ने धीरे-धीरे पूरे प्लांट को अपनी चपेट में ले लिया। बताया गया कि हादसे के वक्त प्लांट में करीब 30 कर्मचारी थे। छह कर्मचारियों को बचाकर सुरंग से बाहर निकाला गया जबकि 15 अन्य आपातकाली मार्ग से बाहर निकलने में कामयाब हुए। वहीं नौ लोग अंदर फंस गए। आग लगने से सुरंग में काफी धुंआ भर गया। ऐसे में अंदर फंसे लोगों तक राहत टीम का पहुंचना मुश्किल हो गया।
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