कोरोना ने जिन बच्चों से छिन लिए माता-पिता, PM-CARES for Children से होगी उनकी मदद,जानें कब कितनी सहायता मिलेगी

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Updated May 29, 2021 | 18:50 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

PM Cares for Children: कोरोना वायरस के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 'पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना के तहत सहायता दी जाएगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 
मुख्य बातें
  • पीएम केयर्स फंड से की जाएगी कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद
  • सरकार ऐसे बच्चों की निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी
  • अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण के लिए सहायता दी जाएगी; पीएम केयर्स फंड से मिलेगा ब्याज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि कोविड 19 के कारण माता-पिता या अभिभावक दोनों को खोने वाले सभी बच्चों को 'पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन' योजना के तहत सहायता दी जाएगी। ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र से मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा। सरकार ऐसे बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी। बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और PM CARES ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगा। आयुष्मान भारत के तहत बच्चों को 18 साल तक 5 लाख रुपए का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चे भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं; हम उनका समर्थन करने, उनकी रक्षा करने के लिए सब कुछ करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया ऐसे बच्चों का संज्ञान

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह इसकी कल्पना तक नहीं कर सकता कि कोविड-19 महामारी के कारण इतने बड़े देश में कितने बच्चे अनाथ हो गए और इसी के साथ उसने राज्य प्राधिकारियों को उनकी तत्काल पहचान करने तथा उन्हें राहत मुहैया कराने का निर्देश दिया। न्यायालय ने राज्य सरकार से सड़कों पर भूख से तड़प रहे बच्चों की व्यथा समझने के लिए कहा और जिला प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि अदालतों के किसी भी अगले आदेश का इंतजार किए बिना फौरन उनकी देखभाल की जाए।

न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ने जिला प्रशासन को शनिवार शाम तक अनाथ बच्चों की पहचान करने और उनकी जानकारियां राष्ट्रीय बाल अपराध संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिए। उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश स्वत: संज्ञान के एक लंबित मामले में न्यायमित्र गौरव अग्रवाल की अर्जी पर दिया। इस अर्जी में राज्य सरकार द्वारा अनाथ बच्चों की पहचान करने तथा उन्हें तत्काल राहत मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। 

न्यायालय ने कहा, 'हमने कहीं पढ़ा था कि महाराष्ट्र में 2,900 से अधिक बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खो दिया है। हमारे पास ऐसे बच्चों की सटीक संख्या नहीं है। हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि इस विध्वंसकारी महामारी के कारण इतने बड़े देश में ऐसे कितने बच्चे अनाथ हो गए।' 

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