नई दिल्ली: केंद्र सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज से संबंधित सभी अभिलेखों को सार्वजनिक कर दिया है और इन्हें भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखा गया है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रहलाद सिंह पटेल ने एक लिखित जवाब में सोमवार को लोकसभा को इस बारे में अवगत कराया।
सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'कुल 304 अघोषित रिकॉर्ड और फाइलें स्थायी संस्मरण के लिए भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखी गई हैं। 304 फाइलों में से, 303 फाइलें नेताजी वेब पोर्टल यानी www.netajipapers.gov.in पर पहले से अपलोड हैं।'
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए ट्वीट कर कहा, 'यह जानकर बहुत खुशी हुई कि नेताजी से संबंधित सभी फाइलें सार्वजनिक हो गई हैं। जैसा कि एनडीए सरकार नेताजी के रहस्य को हल करने और एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध जताई थी।
हाल ही में एक फोरम ने सरकार से मांग की थी कि वह नेताजी की फाइलें सार्वजनिक करे। ऑल इंडिया लीगल एड फोरम ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान सरकार से मांग की थी कि वो नेताजी के निधन से संबधी केजीबी फाइल का भी खुलासा करे। यह मौत रूस के ओम्स शहर स्थित साइबेरिया जेल में हुई है।
आपको बता दें कि भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में भारत सरकार के अप्रचलित अभिलेखों का भंडारण किया जाता है। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस अभिलेखागार का अधिकतर प्रयोग प्रशासकों और शोधार्थियों के द्वारा किया जाता है। 1997 में, भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार को रक्षा मंत्रालय से भारतीय राष्ट्रीय सेना (आज़ाद हिंद फ़ौज) से संबंधित 990 सार्वजनिक फाइलें मिली थीं।
2012 में, गृह मंत्रालय ने खोसला आयोग और जस्टिस मुखर्जी जांच आयोग से संबंधित 1030 और फाइलों को सार्वजनिक किया था। इनमें से, 271 फाइलें खोसला आयोग से और 759 जस्टिस मुखर्जी जांच आयोग से जारी की गईं।
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