कोरोना की अतिरिक्त खुराक के लिए डॉक्टर का सर्टिफिकेट जरूरी नहीं, 60 साल से ज्यादा के लोगों पर सरकार का बयान 

Additional dose of Corona vaccine : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि बीमारियों से युक्त 60 साल या उससे ऊपर के लोगों को कोरोना टीके की अतिरिक्त खुराक लेते समय डॉक्टर का कोई सर्टिफिकेट दिखाने या जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी।

All persons aged 60yrs&above with co-morbidities will not be required certificate from doctor : Health ministry
चुनावकर्मियों को भी फ्रंटलाइन वर्कर्स माना जाएगा।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • बीमारियों से ग्रस्त 60 साल या इससे ऊपर के लोगों को लगना है अतिरिक्त टीका
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे लोगों को डॉक्टरों का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी नहीं
  • अतिरिक्त डोज लेने से पहले ऐसे लोग अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि बीमारियों से युक्त 60 साल या उससे ऊपर के लोगों को कोरोना टीके की अतिरिक्त खुराक लेते समय डॉक्टर का कोई सर्टिफिकेट दिखाने या जमा करने की कोई जरूरत नहीं होगी। मंत्रालय का कहना है कि उम्मीद की जाती है कि ऐसे लोग टीका लगवाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेंगे। इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि चुनाव का सामना करने जा रहे राज्यों में चुनाव ड्यूटी में तैनात होने वाले कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा जाएगा। भारत सरकार ने अपने टीकाकारण अभियान का दायरा बढ़ा दिया है। तीन जनवरी 2020 से 15 से 18 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगना शुरू होगा।

3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को लगेगा टीका

गत 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में 15 से 18 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान तीन जनवरी से चलेगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना की अतिरिक्त डोज लगाई जाएगी। देश को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में देश को सुरक्षित रखने में फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका बहुत ज्यादा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 15 से 18 साल से बच्चों के लिए ऑन लाइन अथवा टीका केंद्र जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। टीका केंद्रों पर वैक्सीन के स्लॉट की उपलब्धता होने पर टीका लगाया जाएगा।   

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डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं बुजुर्ग

पीएम ने कहा कि कोरोना की यह अतिरिक्त डोज बीमारियों से ग्रसित 60 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए भी उपलब्ध होगी। ऐसे लोग अपने डॉक्टर की सलाह पर कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त डोज ले सकते हैं। कोरोना एवं ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के बीच दुनिया के कई देशों में बूस्टर डोज लगाया जा रहा है। लेकिन पीएम ने इसे बूस्टर डोज की जगह 'एहतियाती डोज' शब्द का इस्तेमाल किया। 

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भारत में टीकाकरण के 11 महीने

पीएम ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा, 'कोरोना अभी गया नहीं है देश को सुरक्षित रखने के लिए हमने निरंतर कार्य किया है। वैज्ञानिक सुझावों के आधार पर ही तय किया गया कि पहली डोज किसे दी जाए, और दूसरी डोज में कितना अंतर रखा जाए, जिन्होंने कोविड हो चुका है उन्हें कब वैक्सीन लगी.. इस तरह के फैसले लगातार लिए गए और ये परिस्थितियों को संभालने में काफी मददगार भी साबित हुए हुए हैं। भारत ने अपने वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही अपने निर्णय लिए। वर्तमान में ओमिक्रॉन की चर्चा चल रही है और अलग-अलग अनुमान लगाए गए हैं। भारत के वैज्ञानिक भी इस पर काम कर रहे हैं। हमारे वैक्सीनेशन को 11 महीने हो चुके हैं। '

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