एलोपैथी विवाद :IMA उत्तराखंड ने योग गुरु रामदेव को भेजा 1000 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस

देश
रामानुज सिंह
Updated May 26, 2021 | 11:56 IST

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और योग गुरु बाबा रामदेव के बीच चल रहा विवाद गहराता ही जा रहा है। आईएमए उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा।

Allopathy dispute IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 crore to Yog Guru Ramdev
योग गुरु रामदेव (तस्वीर-istock) 

एलोपैथी को लेकर योग गुरु रामदेव की टिप्पणी के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)-उत्तराखंड ने योग गुरु बाबा रामदेव को 1000 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वह अपने द्वारा दिए गए बयानों का विरोध करने वाला वीडियो पोस्ट नहीं करता है और अगले 15 दिनों के भीतर लिखित माफी नहीं मांगता है, तो उससे 1,000 करोड़ रुपए की डिमांड की जाएगी।

कुछ दिनों पहले आईएमए ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर आपत्ति जताई थी जिसमें रामदेव ने दावा किया था कि एलोपैथी बकवास विज्ञान है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं। विवाद बढ़ने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में दिए गए योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा था, जिसके बाद रामदेव ने बयान वापस ले लिया था।

उसके बाद फिर योग गुरु रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने हालिया बयान को वापस लेने के लिए मजबूर किए जाने के बाद सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से 25 सवाल पूछे थे। रामदेव ने आईएमए से जानना चाहा कि क्या एलोपैथी हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटिज जैसी बीमारियों से स्थाई इलाज देती है? अपने ट्विटर खाते पर खुला पत्र जारी करते हुए रामदेव ने आईएमए से उनके 25 सवालों का जवाब देने को कहा था।

रामदेव ने यह भी पूछा कि क्या दवा उद्योग के पास थायराइड, गठिया, अस्थमा और कोलाइटिस जैसी बीमारियों का स्थायी इलाज उपलब्ध है? उन्होंने पूछा कि क्या एलोपैथी में फैटी लीवर और लीवर सिरोसिस की दवाएं हैं? उन्होंने सवाल किया कि जिस प्रकार आपने टीबी और चेचक का इलाज ढूंढ लिया है, उसी तरह लीवर की बीमारियों का भी इलाज ढूंढें। आखिरकार एलोपैथी अब 200 साल पुरानी है।

योग गुरु ने यह भी जानना चाहा कि क्या इस चिकित्सा पद्धति में दिल की रुकावट संबंधी परेशानियों का कोई गैर सर्जरी उपचार उपलब्ध है? उन्होंने पूछा कि कोलेस्ट्रॉल का क्या इलाज है?' उन्होंने सवाल किया, क्या फार्मा उद्योग के पास माइग्रेन का इलाज है? योग गुरु ने तमाम बीमारियों जैसे पार्किंसन का नाम गिनाया और जानना चाहा कि क्या एलोपैथी बांझपन का बिना किसी दर्द के दलाज कर सकती है, क्या उसके पास बढ़ती उम्र को रोकने और हेमोग्लोबिन को बढ़ाने का कोई उपाय है। उन्होंने टिप्पणी की थी कि अगर एलोपैथी इतना ही अच्छा है और सर्वगुण संपन्न है तो डॉक्टरों को बीमार नहीं होना चाहिए।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर