चीन को सख्त संदेश, सरकार का बड़ा फैसला, आम नागरिकों के लिए खोला सियाचिन 

India opens Siachen to civilians: चीन की आक्रामकता की परवाह किए बगैर भारत ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने सियाचिन बेस कैंप को पर्यटकों के लिए खोलने का फैसला किया है।

 Amid standoff with China India opens Siachen to civilians
अब एलएसी के करीब तक जा सकेंगे पर्यटक। 
मुख्य बातें
  • पर्यटकों के लिए सियाचिन के इलाकों को खोलने का फैसला पिछले साल हो गया था
  • सरकार अपने इस फैसले के साथ अब आगे बढ़ी है, चीन को देना चाहती है कड़ा संदेश
  • सियाचिन के इलाके में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, सेना देगी पर्यटन की इजाजत

नई दिल्ली : लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध एवं तनाव के बीच भारत ने आम लोगों के लिए सियाचिन ग्लेशियर का बेस कैंप खोल दिया है। चीन के साथ जारी तनाव को देखते हुए यह भारत सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है। अब यहां पर्यटक जा सकेंगे। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े नॉन-पोलर ग्लेशियर और सबसे ऊंचाई वाले युद्ध स्थान को खोलने का फैसला पिछले साल अक्टूबर में ही ले लिया गया था लेकिन सरकार अब अपने इस निर्णय के साथ आगे बढ़ी है। समझा जाता है कि सीमा पर तनाव के बावजूद भारत सरकार चीन को यह संदेश देना चाहती है कि वह अपने इस पहल के बारे में वह काफी गंभीर है और सीमा तक अपने नागरिकों की पहुंच आसान करना चाहती है। सीमा पर बीजिंग के आक्रामक रवैया का उस पर कोई असर नहीं होने वाला। 

गलवान घाटी के ठीक पश्चिम में है सियाचिन
बता दें कि सियाचिन गलवान घाटी के ठीक पश्चिम में स्थित है। गलवान घाटी में ही गत 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए। इसके बाद लद्दाख सहित पूरे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव की शुरुआत हो गई। यहां से भारत, पाकिस्तान और चीन का ट्राइ-जंक्शन साक्शगाम दिखता है। अक्साई चिन के इस इलाके को पाकिस्तान ने चीन को दे दिया है। जबकि इस इलाके पर भारत अपना दावा करता है। सियाचिन में अवसरों के अभाव के कारण यहां अग्रिम इलाके की आबादी में कमी आई है। जबकि लेह, नुबरा और पेंगोंग लेक के समीप इलाकों में पर्यटन सुविधाओं का विकास होने से इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां एवं लोगों की संपन्नता बढ़ी हैं। सरकार अब सियाचिन को भी पर्यटन के लिहाज से आगे बढ़ाना चाहती है।

स्थानीय प्रशासन का है पर्यटन पर जोर 
इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन भी जोर दे रहा है। यहां स्थानीय युवा पर्यटन क्षेत्र को लेकर काफी उत्साहित हैं। इसे देखते हुए दिसंबर 2018 में सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच बनाने के लिए पां नए मार्ग खोले गए।  इनमें से ज्यादातर सड़कें या तो एलएसी के साथ-साथ आगे बढ़ती हैं या एलएसी तक जाती हैं। फिर भी कोयुल, डेमचोक जैसे इलाके अभी आम लोगों की पहुंच से दूर हैं।

लेह से करीब 225 किलोमीटर दूर है सियाचिन
सियाचिन बेस कैंप लेह से करीब 225 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह खारदुंग-ला दर्रे के एक ब्‍लैक टॉप रोड से जुड़ा है जो कि नुब्रा नदी के पास स्थित है। सियाचिन बेस कैंप 11 हजार फीट की ऊंचाई पर और कुमार पोस्ट 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। सेना का एडवेंचर सेल सियाचिन आने वाले पर्यटकों की जांच करेगा और इसके बाद उन्हें अग्रिम इलाकों के दौरे के लिए पास जारी किया जाएगा। इस दौरान लेह जिला प्रशासन की ओर से जारी प्रोटोकॉल्स एवं क्वरंटाइन निर्देशों का पालन पर्यटकों को करना होगा। अभी फिलहाल लेह के 40 किलोमीटर के दायरे में गैर-स्थानीय लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध है। 

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