अमित शाह ने बताया- किस-किस क्षेत्र में कितना पिछड़ गया है पश्चिम बंगाल, निशाने पर रहीं ममता बनर्जी

देश
लव रघुवंशी
Updated Dec 20, 2020 | 20:16 IST

पश्चिम बंगाल में अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हैं लेकिन बंगाल के किसानों को केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलने की अनुमति नहीं देती हैं।

Amit Shah
अमित शाह, गृह मंत्री 
मुख्य बातें
  • बांग्लादेशी घुसपैठ को खत्म करने के लिए बंगाल में बदलाव चाहते हैं: अमित शाह
  • पूरे बंगाल के लोगों में गुस्सा है, राज्य विकास के मार्ग से भटक गया है: अमित शाह
  • पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा चरम सीमा पर है: शाह

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निशाने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रहीं। उन्होंने कहा कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा चरम पर है। 300 से ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले की जांच में एक इंच भी प्रोग्रेस कहीं पर दिखाई नहीं पड़ती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि किन-किन क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल कितना पिछड़ गया है।

शाह ने कहा, '1960 में बंगाल की प्रति व्यक्ति आय महाराष्ट्र से लगभग दोगुनी थी। आज, यह भारत की व्यापारिक राजधानी का आधा भी नहीं है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? 1950 के दशक में भारत का 70% फार्मा उत्पादन बंगाल में किया गया था। आज यह 7% तक गिर गया है। बंगाल का जूट उद्योग भी काफी कमजोर हुआ है।'

नीचे जा रहा पश्चिम बंगाल

उन्होंने कहा कि भारत में 32 में से बंगाल औद्योगिक विकास में 20 वें स्थान पर है और इसका सीएजीआर आज केवल 5.74% है। सर्विस सेक्टर में वृद्धि दर 5.8% है और यह 28 वें स्थान पर है। बंगाल में एफडीआई 2011 से अब तक सिर्फ 1% पर है। नीचे गिरने की कोई जगह नहीं है। TMC सरकार इसे एक उपलब्धि के रूप में गिना सकती है। जब भारत को आजादी मिली तो बंगाल में भारत की पूरी जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा था। आज, यह कम्युनिस्ट शासन के तीन दशकों और TMC शासन के 1 दशक के बाद न्यूनतम स्तर पर आ गया है।

बंगाल के किसानों को नहीं मिली सहायत

बीजेपी नेता ने आगे कहा, 'बंगाल में शिक्षा क्षेत्र में 90% प्राथमिक स्कूलों में डेस्क नहीं है। 30% से ज्यादा स्कूलों में पर्याप्त क्लासरूम नहीं है। 10% स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। 56% स्कूलों में शौचालय नहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में ये बंगाल की स्थिति है। बंगाल के 23 लाख किसानों ने पीएम-किसान सम्मान निधि के लिए ऑनलाइन अनुरोध किया है। ममता दी अभी भी उन्हें वास्तविक प्रमाणीकरण नहीं देकर रोकती है। वह किसानों की सूची केंद्र सरकार को नहीं भेज रही हैं। मोदी जी ने देश के 10 करोड़ किसानों को 95 हजार करोड़ रुपए की सहायता विगत ड़ेढ साल के अंदर दी है। यह सहायता बंगाल के एक भी किसान को नहीं मिली क्योंकि ममता दीदी ने सूची नहीं भेजती हैं।'  

इसके अलावा उन्होंने कहा कि टोलबाली, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, हिंसा, बम धमाकों, कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में बंगाल नंबर एक है। मां, माटी, मानुष का नारा लेकर चलने वाले टोलबाजी, तुष्टिकरण, तानाशाही में अटक कर रह गए हैं। एक पारिवारिक पार्टी बनकर टीएमसी बनकर रह गई है।

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