नई दिल्ली: इसी साल 24 फरवरी को दिल्ली के चांदबाग में हुई जबरदस्त हिंसा के दौरान घायल हुए गोकुलपुरी के एसीपी अनुज कुमार शनिवार को अपने दफ्तर वापस लौट आए हैं। एसीपी अनुज कुमार काफी समय तक अस्पताल में भर्ती रहे थे। चांदबांग में भड़की हिंसा के दौरान उन्होंने यमुना विहार की तरफ भागकर अपनी जान बचाई थी। इसके कुछ समय बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि अगर वो भागते नहीं तो उनकी हत्या हो जाती।
डीसीपी भी लौट चुके हैं डुयूटी पर
अनुज कुमार हिंसा के दिन उन्ही डीसीपी अमित शर्मा के साथ थे जो इस हिंसा में बुरी तरह जख्मी हो गए थे। अमित शर्मा भी कुछ दिन पहले ही ऑफिस लौट चुके हैं। चांदबाग में हुई इस हिंसा में कई लोग मारे गए थे और हेड कांस्टेबल रतन लाल इस दौरान शहीद हो गए थे। चांदबाग में भीड़ इतनी हिंसक हो उठी थी कि वह मारने-मरने पर उतारू हो गई थी।
कैसे भड़की हिंसा
दरअसल एक अफवाह फैलाई गई कि पुलिस की गोलियों से बच्चे मर गए हैं जिसके बाद भीड और हिंसक हो उठी थी। 24 फरवरी को जब पुलिस चांदबांग में ड्यूटी कर रही थी और वजीराबाद रोड को खुलवाने का प्रयास कर रही थी तो उसी दौरान काफी लोग जमा हो गए औरभीड़ ने महिलाओं को आगे रखा। इसी दौरान भीड़ की तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई और धीरे-धीरे पुलिस पर हावी हो गई। इसी दौरान भीड़ ने डीसीपी अमति शर्मा को बुरी तरह पीटा था। किसी तरह अनुज शर्मा साथियों के साथ डीसीपी को लेकर यमुना विहार की तरफ भागे थे और जान बचाई।
50 से ज्यादा की मौत
आपको बता दें कि गत 22 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) समर्थकों एवं विरोधियों के बीच हुए टकराव ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा का रूप ले लिया। इसके बाद 23 फरवरी से 25 फरवरी के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, भजनपुरा, मौजपुर, यमुना विहार, चांदबाग, शिव विहार, कर्दमपुरी और गोकुलपुरी में भीषण हिंसा हुई थी।
हिंसक भीड़ ने बड़ी संख्या वाहनों, दुकानों एवं घरों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की। आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन इस हिंसा का मुख्य आरोपी है। ताहिर पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है।
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