नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनवरी में पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक के मामले की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमिटी ने पाया कि फिरोजपुर के सीनियर पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध होने के बावजूद अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और बीजेपी से सीनियर नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे सवाल उठता है कि प्रदर्शनकारियों को पीएम के रूट की जानकारी किसने दी? फोन पर बार-बार किससे बात कर रहे थे एसएसपी? वह किससे निर्देश ले रहे थे? वह स्थान जहां उनका काफिला रुका था, पुल के बीच में था। प्रदर्शनकारियों से केवल 100 मीटर दूर पर था। पाकिस्तान से केवल 10 किमी दूर था। कुछ भी हो सकता था। फोन कॉल पर भी सीएम उपलब्ध नहीं थे। पीएम वहां 20 मिनट खड़े रहे लेकिन 2 मिनट भी कुछ भी होने के लिए काफी थे। उन्होंने कहा कि फिरोजपुर एसएसपी वैकल्पिक मार्ग खोजने में 2 घंटे का समय होने के बावजूद विफल रहे। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को खारिज नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के शासनकाल में जब पीएम पंजाब पहुंचे तो सीएम, डीजीपी और मुख्य सचिव उनका स्वागत करने के लिए नहीं थे।
गौरतलब है कि पांच जनवरी को फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर फंस गया था जिसके बाद वह एक रैली समेत किसी भी कार्यक्रम में शिरकत किए बिना ही लौट आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए 12 जनवरी को शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की थी और कहा था कि सवालों को एकतरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता और न्यायिक क्षेत्र के व्यक्ति द्वारा इसे देखे जाने की आवश्यकता है।
इस मामले में केंद्र और पंजाब सरकार के आदेश पर अलग-अलग जांच को रोकते हुए पीठ ने कहा था कि सुरक्षा चूक पर किसी पार्टी ने गंभीरता से सवाल नहीं उठाया है और स्वतंत्र जांच जरूरी है क्योंकि दोनों सरकारों के बीच कहासुनी से कोई हल नहीं निकलेगा, बल्कि इस महत्वपूर्ण स्तर पर एक मजबूत प्रणाली की जरूरत है।
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