India-China:भारत-चीन डिसएंगेजमेंट को लेकर सेना प्रमुख नरवणे बोले- 'एक इंच जमीन नहीं गंवाई' 

India-China Tension: सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ महीनों से जारी गतिरोध के दौरान भारत ने एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई। 

Army Chief General MM Naravane on India-China disengagement in Ladakh said We have not lost out on any territory
जून में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से भिड़ गए थे 
मुख्य बातें
  • सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के दौरान भारत ने एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई
  • पिछले महीने पैंगोंग झील के किनारे पर डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी
  • जिसके बाद दोनों देशों ने अपने सैनिक, टैंक और बख्तरबंद वाहनों को इलाके से हटा लिया था

नई दिल्ली: भारत के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारत ने एलएसी पर एक इंच भी जमीन नहीं गंवाई है और भारत की स्थिति उसी जगह पर बनी हुई है जहां पिछले साल विवाद के शुरू होने के पहले थी। जनरल नरवणे भारत-चीन डिसएंगेजमेंट पर बात कर रहे थे। समाचार एजेंसी एनआई से बात करते हुए सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि 'हमने कोई भी क्षेत्र नहीं खोया है, हम उसी जगह पर हैं जहां पर ये सारी चीजें (विवाद) शुरू होने के पहले थे.. एक भी इंच जमीन नहीं गंवाई है।'

उन्होंने कहा कि पिछले महीने शुरू हुई सेनाओं की पीछे हटने की प्रक्रिया से क्षेत्र में अपेक्षाकृत शांति है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात के बारे में जनरल नरवणे ने कहा, 'कोर कमांडर स्तर की नौ दौर की वार्ता के बाद हम गतिरोध वाले इन इलाकों से चरणबद्ध तरीके से पीछे हटने पर सहमत हुए थे और उसके मुताबिक 10 फरवरी के बाद पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई। यह योजना के मुताबिक हुई और पैंगोंग झील के उत्तरी व दक्षिणी किनारे के साथ-साथ कैलास रेंज से भी लोग अपनी-अपनी नजदीकी स्थायी लोकेशंस पर लौट गए हैं।' 

गोगरा हाटस्प्रिंग जैसे चीन के आक्रामक रुख वाले इलाकों पर जनरल नरवणे ने कहा कि पूरी स्थिति से चरणबद्ध तरीके से निपटा जा रहा है। आगे के दौर की वार्ता भी जारी रहेगी और उन्हें विश्वास है कि वार्ता के जरिये मतभेदों को कम कर लिया जाएगा।

दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आई थीं

भारत और चीन के बीच एलएसी पर उस समय तनाव की शुरुआत हुई थी जब चीनी सैनिकों ने एलएसी के पास भारतीय इलाके में घुसपैठ शुरू की थी जिसका भारतीय जवानों ने मजबूती के साथ प्रतिरोध किया था। इसके बाद जून में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से भिड़ गए थे और दोनों देश के सैनिक और टैंक इलाके में जमे हुए हैं। 

दोनों देशों ने अपने सैनिक और बख्तरबंद वाहनों को इलाके से हटा लिया था

दोनों देशों के बीच पिछले साल से चल रहे तनाव के बीच सुखद खबर उस वक्त मिली  जब भारत और चीन ने 10 दौर की कोर्प्स कमांडर वार्ता और कई दौर की कूटनीतिक चैनलों के जरिए वार्ता के बाद पिछले महीने पैंगोंग झील के किनारे पर डिसएंगेजमेंट पर सहमति बनी।

जिसके बाद दोनों देशों ने अपने सैनिक, टैंक और बख्तरबंद वाहनों को इलाके से हटा लिया था। इसी तरह से अब आगे की वार्ता में देपसांग, हॉट स्प्रिंग और गोगरा में डिसएंगेजमेंट की उम्मीद जताई जा रही है।

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