भारत-चीन के सैनिकों के पीछे हटने पर सेना प्रमुख ने कहा- यह बहुत अच्छा परिणाम रहा, सभी के लिए लाभकारी

देश
Updated Feb 24, 2021 | 21:49 IST | भाषा

थल सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सलाह भी बहुत महत्वपूर्ण रही और रणनीतिक स्तर पर उनके दृष्टिकोण से हमें अपने कदम उठाने में निश्चित तौर पर मदद मिली।

Army chief General MM Naravane
थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे  |  तस्वीर साभार: ANI

नई दिल्ली: थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बुधवार को कहा कि पैगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने से अंतिम परिणाम बहुत अच्छा रहा और दोनों पक्षों के लिए यह लाभकारी स्थिति है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में अन्य लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भी रणनीति बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि लद्दाख गतिरोध के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच साठगांठ के कोई संकेत नहीं मिले लेकिन भारत ने केवल दो को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि ढाई मोर्चे के लिए दूरगामी योजना बना रखी है। वह आधे मोर्चे का हवाला आंतरिक सुरक्षा के लिए दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गतिरोध की शुरुआत से ही भारत की तरफ से सभी पक्षों ने मिलकर काम किया।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्तर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्षों से वार्ता की। नरवणे ने ‘विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन’ द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा, 'हम सब साथ हैं। हमने वह योजना तैयार की जिस पर हमने चर्चा की थी कि कैसे आगे बढ़ना चाहिए। जो भी योजना बनायी गयी थी, उसके नतीजे मिले हैं। अब तक हमने जो भी हासिल किया वह बहुत अच्छा है।'

थल सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सलाह भी बहुत महत्वपूर्ण रही और रणनीतिक स्तर पर उनके दृष्टिकोण से हमें अपने कदम उठाने में निश्चित तौर पर मदद मिली। उन्होंने कहा, 'इस समग्र दृष्टिकोण से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई। मुझे लगता है कि अंतिम परिणाम बहुत अच्छा रहा। यह दोनों के लिए लाभदायक स्थिति है। किसी भी टिकाऊ समझौते के लिए दोनों पक्षों को लगना चाहिए कि उन्होंने कुछ हासिल किया है। मुझे लगता है कि 10 दौर की वार्ता के अच्छे परिणाम मिले हैं।'

पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं ने ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से सैनिकों और हथियारों को पीछे ले जाने की प्रक्रिया संपन्न की। नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में देपसांग इलाके में, उत्तरी सीमा से लगे अन्य क्षेत्रों में कुछ मुद्दे बाकी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन उसके लिए हमारे पास रणनीति है। क्या हमारे पास भविष्य में बातचीत करने के लिए कुछ भी है। हां, निश्चित तौर पर। लेकिन वह रणनीति क्या होगी और समझौते पर क्या प्रगति होगी, यह देखना होगा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर