UNFPA , State of World Population 2022 Report: दुनिया में हर साल महिलाएं और लड़कियों को 12.1 करोड़ से ज्यादा मामलों में अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ता है। इस बात का खुलासा संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में हुआ है। इसी तरह भारत में प्रति 1000 महिलाओं में से 62 महिलाएं और लड़कियां बिना किसी प्लानिंग के गर्भवती हो जाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में गर्भवती होने वाली महिलाओं की कुल संख्या में 50 फीसदी संख्या बिना प्लानिंग के गर्भवती होने वाली महिलाओं और लड़कियों की है।
गर्भपात के मामले बढ़े
संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी UNFPA द्वारा बुधवार को जारी State of World Population 2022 report रिपोर्ट में कहा गया है कि बिना प्लानिंग के गर्भवती होने वाली महिलाओं और लड़कियों में से 60 फीसदी को गर्भपात का सामना करना पड़ता है। यही नहीं करीब 45 फीसदी गर्भपात असुरक्षित तरीके से कराए जाते हैं। जिसकी वजह से कुल मातृत्व मृत्यु दर में 5-13 फीसदी मौत असुरक्षित गर्भपात के कारण होती हैं। ऐसे में अनचाहे गर्भ की वजह और फिर गर्भपात का सीधा असर महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। यह रिपोर्ट साल 2015-2019 की अवधि के आधार पर तैयार की गई है।
25.7 करोड़ महिलाएं सुरक्षित तरीके नहीं अपनाती हैं
रिपोर्ट के अनुसार हर साल अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए 25.7 करोड़ महिलाएं असुरक्षित तरीकों को अपनाती हैं। इसी तरह करीब 25 फीसदी महिलाएं सेक्स के लिए मना नहीं कर पाती हैं। इसके अलावा महिलाओं को गर्भ निरोध के आधुनिक तरीकों की जानकारी नहीं होना, सामाजिक दबाव, यौन हिंसा, गरीबी और लैंगिंक असमानता की वजह से अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ता है।
भारत की क्या है स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2004-2020 के दौरान, भारत में 15-19 साल की उम्र की लड़कियों में प्रति 1000 में से 12 लड़कियां मां बन जाती हैं। । इसी तरह साल 2005-20 के दौरान बाल विवाह की दर 27 फीसदी है। वहीं भारत यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज इंडेक्स सूचकांक 61 है।
युद्द से भी अनचाहे गर्भ की आशंका बढ़ी
युद्ध और संघर्ष की वजह से भी अनचाहे गर्भ की आशंका बढ़ जाती है। इन परिस्थितियों में महिलाओं तक गर्भनिरोधक की पहुंच मुश्किल हो जाती है, साथ ही यौन हिंसा के भी मामले बढ़ जाते हैं। कुछ अध्ययन के अनुसार करीब 20 फीसदी शरणार्थी महिलाएं यौन हिंसा का शिकार होती हैं।अकेले अफगानिस्तान युद्ध और वहां स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने की वजह से, साल 2025 तक करीब 48 लाख महिलाओं को अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह कोविड-19 के पहले 12 महीने में 14 लाख महिलाओं को अनचाहे गर्भ का सामना करना पड़ा है।
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