Road to 2024: भाजपा को हराना है तो विपक्ष को एक साथ आना होगा। आम तौर पर हर दिन ऐसी बातें विपक्ष का कोई न कोई नेता आजकल कर रहा है। लेकिन अगर उनकी रणनीति देखी जाय तो सभी अपनी पांसे फेंकने में लगे हैं, और उनके इस दांव में विपक्षी एकता की बात सबसे बाद में नजर आ रही है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी विपक्षी गठबंधन से दूरी बनाने के संकेत दिए हैं। इसके पहले कांग्रेस भी कह चुकी है कि उसके बिना विपक्षी एकता संभव नहीं है। जबकि ममता बनर्जी विपक्षी एकता में कांग्रेस से दूरी बनाने के ही संकेत दे रही है। साफ है कि विपक्षी एकता के नाम पर सबकी अपनी राह है।
अरविंद केजरीवाल का गुजरात पर फोकस
आगामी चुनाव को लेकर इस समय विपक्षी दलों में सबसे ज्यादा सक्रिय, आम आदमी पार्टी है। पार्टी पूरी तरह से गुजरात पर फोकस किए हुए हैं। और अरविंद केजरीवाल बार-बार गुजरात का दौरा कर रहे हैं और चुनावी वादे भी कर रहे हैं। इसीलिए रविवार को बातों-बातों में इशारा कर दिया है कि वह विपक्ष के किसी भी गठबंधन से दूरी बनाकर रखेंगे। रविवार को उन्होंने कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि किसके साथ गठबंधन करेंगे। मेरा कहना है कि जिस दिन हम 130 करोड़ देशवासियों के साथ गठबंधन करेंगे, उस दिन खुद हम नंबर वन जाएंगे। साफ है कि अरविंद केजरीवाल किसी पाले में जाने का फिलहाल इरादा नहीं रखते हैं। केजरीवाल का बयान उसके बाद आया है, जब खुद नीतीश कुमार इसके पहले विपक्षी एकता के लिए अरविंद केजरीवाल से मिल चुके थे।
ममता बनर्जी ने कांग्रेस से बना रखी है दूरी
इसी तरह विपक्ष के एक अन्य नेता और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के प्लान में कांग्रेस ने नहीं दिखाई देती है। उन्होंने इसी महीने कोलकाता में एक कार्यक्रम में कहा कि अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन सब एक साथ आ गए हैं, जो लोग 275-300 सीटों पर गर्व कर रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि राजीव गांधी के पास 400 सीट थी, वो भी संभाल कर नहीं रख पाए। ममता बनर्जी के बयान में कांग्रेस का कोई जिक्र नहीं है। इसके पहले भी उनकी पार्टी कांग्रेस के बिना तीसरे मोर्चे की वकाल कर रही थी।
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केसीआर भी नेशनल पार्टी बनाने की तैयारी में
विपक्षी एकता की कवायद कर रहे तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव भी अब नेशनल पार्टी बनाने का ऐलान कर चुके हैं। 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले नेशनल पार्टी बनाने का ऐलान और लगातार विपक्ष को एकजुट करने की कवायद से के.चंद्रशेखर राव के इरादे साफ हैं। केसीआर की पार्टी , अपने दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ सकती है।
कांग्रेस का भी बड़ा बयान
विपक्षी दलों की इन कोशिशों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को धुरी बनाये बगैर विपक्ष की एकता में यकीन करने वाले गैर-भाजपा दल शायद खुशफहमी में हैं। कई क्षेत्रीय दलों ने अपना स्वार्थ साधने के लिए कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है और इस तरह के दलों को कांग्रेस को पंचिंग बैग के रूप में इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए। साफ है कि भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने की जो कवायद शुरू हुई है, उसमें अभी तक सबका अपना-अपना ही एजेंडा दिख रहा है।
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