'लाल किला हिंसा केंद्र द्वारा प्रायोजित', कृषि कानूनों को लेकर और आक्रामक हुए दिल्‍ली के CM

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति पहले ही समर्थन जता चुके हैं। अब मेरठ में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्‍होंने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए।

'लाल किला हिंसा प्रायोजित', कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ और हमलावर हुए दिल्‍ली के CM
'लाल किला हिंसा प्रायोजित', कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ और हमलावर हुए दिल्‍ली के CM  |  तस्वीर साभार: ANI

मेरठ : केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते तीन महीने से भी अधिक समय से जारी किसान आंदोलन के बीच दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्‍होंने 26 जनवरी को किसानों के 'ट्रैक्‍टर मार्च' के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा और वहां 'निशान साहिब' का झंडा फहराए जाने को प्रायोजित करार देते हुए इसके लिए केंद्र को जिम्‍मेदार ठहराया।

मेरठ में रविवार को 'किसान महापंचायत' को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्‍ट्रीय संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'लाल किले का पूरा कांड इन्होंने खुद कराया। मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री हूं, उत्तर प्रदेश, पंजाब के लोगों और किसानों ने मुझे बताया कि ये जानबूझकर उधर भेज रहे थे। जिन्होंने झंडे फहराए वो इनके अपने कार्यकर्ता थे।'

'ये कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट'

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को अपना समर्थन जताते हुए दिल्‍ली के सीएम ने कहा, 'हमारा किसान कुछ भी हो सकता है, अपनी जान दे सकता है, लेकिन वह देशद्रोही नहीं हो सकता। आज ये भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार हमारे किसानों पर देशद्रोह के मुकदमे चला रही है। इतनी हिम्‍मत तो अंग्रेजों ने भी नहीं की थी... हमारे किसानों को आतंकवादी बोलते हैं।'

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों को किसानों के लिए 'डेथ वारंट' करार देते हुए उन्‍होंने कहा, 'ये तीनों कानून लागू होने के बाद किसानों की बची कुची खेती केंद्र सरकार अपने तीन-चार बड़े पूंजीपति साथियों के हाथों में सौंपना चाहती है। सबकी खेती चली जाएगी। किसान अपने ही खेतों में मजदूर बन जाएंगे। यही कारण है कि यह किसानों के लिए करो या मरो वाली स्थिति है।'

आप नेता ने कहा, 'आज अपने देश का किसान बहुत पीड़ा में है, 95 दिनों से कड़कती ठंड में किसान भाई दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं। 250 से ज़्यादा​ किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार पर जूं नहीं रेंग रही। पिछले 70 साल में इस देश के किसान ने ​केवल धोखा देखा है।'

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