दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 2020 में अपनी पत्नी और बेटे के बिजनेस पार्टनर की कंपनियों को पीपीई किट खरीदने के लिए सरकार ठेके दिए। तब वह स्वास्थ्य मंत्री थे। सिसोदिया ने कहा कि एक निर्वाचित सीएम इस तरह की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त है, क्या बीजेपी उसे सलाखों के पीछे रखेगी?
सिसोदिया के आरोपों पर हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा कि मेरी पत्नी ने जीवन बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 (पीपीई) मुफ्त दान किए। एक बार मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से एक असमिया कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिनों तक इंतजार करना पड़ा; आपके खिलाफ आपराधिक मानहानि दर्ज करूंगा।
वहीं असम के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया कि कोविड महामारी के दौरान (तत्कालीन) असम के स्वास्थ्य मंत्री (हिमंत बिस्वा सरमा) बार-बार मनीष सिसोदिया से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे ताकि एक असमिया कोविड पीड़ित के शव को रिहा करने में उनकी सहायता मिल सके। 7 दिनों तक कोई जवाब नहीं आया।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की आड़ में PPE किट खरीद में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। बीजेपी सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी पत्नी की कंपनी को सरकारी खरीद के ठेके दिए 600 रुपए की पीपीई किट 990 में दी गई। अपने बेटे के पार्टनर की कंपनियों को भी सरकारी खरीद के ठेके दिए गए। बिस्वा सरमा ने 600 की PPE किट का दूसरा ठेका भी दिया। अपने बेटे के बिजनेस पार्टनर की कंपनी को 1680 रुपए प्रति किट में दिया और अपनी पत्नी के पार्टनर की कंपनी को 2205 रुपए प्रति किट में दिया।
इन्हीं आरोपों पर हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश 100 से अधिक वर्षों में सबसे खराब महामारी का सामना कर रहा था, असम के पास शायद ही कोई पीपीई किट हो। मेरी पत्नी ने जान बचाने के लिए सरकार को लगभग 1500 मुफ्त दान करने का साहस किया। उसने एक पैसा भी नहीं लिया। जबकि आप मिस्टर मनीष सिसोदिया ने उस समय बिल्कुल अलग पक्ष दिखाया था। आपने दिल्ली में फंसे असमिया लोगों की मदद के लिए मेरे कई कॉल्स को ठुकरा दिया। मैं एक उदाहरण कभी नहीं भूल सकता जब मुझे दिल्ली के मुर्दाघर से एक असमिया कोविड पीड़ित का शव लेने के लिए 7 दिन इंतजार करना पड़ा। उपदेश देना बंद करो और मैं जल्द ही आपको गुवाहाटी में देखूंगा क्योंकि आप आपराधिक मानहानि का सामना करेंगे।
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