Assam Flood: असम में बाढ़ के गंभीर हालातों के बीच सीएम सर्बानंद ने किया बाढ़ राहत शिविर का दौरा

देश
रवि वैश्य
Updated Jul 16, 2020 | 21:36 IST

Assam Flood News: असम में बाढ़ के हालातों के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार सुबह बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से बातकर राहत के निर्देश प्रशासन को दिए।

Assam Flood News Chief Minister Sarbananda Sonowal visited a flood relief camp
धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, सोनितपुर, दरांग डिब्रूगढ़ समेत कुछ अन्य जिले बाढ़ से प्रभावित हैं 
मुख्य बातें
  • मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काजीरंगा के पास कोहिंग में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया
  • 16 जुलाई को खबर के मुताबिक असम में बाढ़ संबंधी घटनाओं में पांच और लोगों की मौत हुई है
  • सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 5.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार सुबह काजीरंगा के पास कोहिंग के राइजिंग सन स्कूल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया और वहां शरण लेने वाले लोगों के साथ बातचीत की, सोनोवाल ने कहा कि असम बाढ़ ने महत्वपूर्ण दौर में हमारे सामने नई चुनौतियां ला दी हैं और हम लोगों और जानवरों दोनों के जीवन की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने टेकोक में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण। 15 जुलाई तक राज्य में बाढ़ के कारण 30 जिलों में 66 लोगों की मौत हो गई है और 48,07,111 प्रभावित हुए हैं, वहीं 16 जुलाई को खबर के मुताबिक असम में बाढ़ संबंधी घटनाओं में पांच और लोगों की मौत हो गई है।

सोनोवाल ने एक ट्वीट में कहा, "आज सुबह, काजीरंगा के पास कोहोरा के राइजिंग सन स्कूल में एक बाढ़ राहत शिविर के निवासियों के साथ गए और बातचीत की।"

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि मोरिगांव जिले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि बारपेटा में दो, सोनितपुर और गोलाघाट जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, सोनितपुर, दरांग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाइगांव, कोकराझार, धुबरी, शिवसागर, डिब्रूगढ़ समेत कुछ अन्य जिले बाढ़ से प्रभावित हैं ।

असम में कुछ घंटे के अंतराल में दो बार हिली धरती

असम में गुरुवार को कुछ घंटों के अंतराल में धरती दो बार हिली और इसके साथ ही पड़ोसी मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इसमें जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का पहला झटका बराक घाटी के करीमगंज में 18 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था जिसकी तीव्रता 4.1 थी। यह सुबह 7:57 बजे महसूस किया गया। शिलांग और पश्चिमी गारो हिल्स क्षेत्र सहित समूचे मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

असम में भूकंप का दूसरा झटका अपराह्न 1.09 बजे आया जिसकी तीव्रता 2.6 थी। यह झटका पश्चिमी मेघालय में भी महसूस किया गया।अधिकारियों ने बताया कि भूकंप की वजह से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।देश का पूर्वोत्तर क्षेत्र उच्च भूकंपीय क्षेत्र की श्रेणी में आता है जहां भूकंप प्राय: आता रहता है।पिछले एक महीने में क्षेत्र में कई बार भूकंप के झटके आए हैं जिनमें से अधिकतर का केंद्र पश्चिमी मिजोरम था। इससे चंफाई जिले में नुकसान भी हुआ।

प्रशासन कई जिलों में राहत कैंप और वितरण केंद्र चला रहा है

मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने जोरहाट जिले के एक स्कूल में लगाए गए राहत शिविर का दौरा किया था और लोगों से बात की थी,एसडीएमए ने बताया कि 3376 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 1,27,647.25 हेक्टेयर कृषि जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गयी। प्रशासन 20 जिलों में 480 राहत कैंप और वितरण केंद्र चला रहा है और 70 हजार के करीब लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं। पीड़ितों को मदद के तौर पर दाल, चावल, नमक, सरसों का तेल और अन्य राहत सामान बांटे जा रहे हैं।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 5.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसके अलावा धुबरी में 4.11 लाख, मोरीगांव 4.08 लाख और दक्षिण सालमाड़ा जिले में 2.25 लाख लोग प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का उफान मारता पानी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कर गया है, जिससे बाघ और अन्य जानवरों को जान बचाने के लिये मानव आबादी और ऊंचे इलाकों की ओर भागना पड़ा।

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