असम: 12 हजार सूअरों को मारने का आदेश, अफ्रीकी स्वाइन बुखार बनी वजह

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Updated Sep 24, 2020 | 07:54 IST

असम में 12 हजार सूअरों को मारा जाएगा। उसकी वजह वहां तेजी से फैल रहा अफ्रीकी स्वाइन बुखार है जिसकी वजह से यह फैसला लिया गया है।

African swine fever
असम में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का कहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • असम में 12,000 सूअरों को मारने का आदेश
  • वायरस के कारण अब तक राज्य के 14 जिलों में 18,000 सूअरों की जान जा चुकी है
  • संक्रमित सूअरों को मारने का काम दुर्गा पूजा से पहले होगा

गुवाहाटी:  असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अफ्रीकी स्वाइन बुखार से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में करीब 12,000 सूअरों को मारने का बुधवार को आदेश दिया और अधिकारियों से कहा कि वह सूअरों के मालिकों को पर्याप्त मुआवजा दें।एक आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई।
पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वायरस के कारण अब तक राज्य के 14 जिलों में 18,000 सूअरों की जान जा चुकी है। अधिकारी ने बताया कि सूअरों को मारने का काम 14 प्रभावित जिलों में रोग से बुरी तरह प्रभावित 30 क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में किया जाएगा और यह काम तुरंत शुरू किया जाएगा।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के दिशानिर्देशों के अनुपालन में, और विशेषज्ञों की राय का पालन करते हुए, सभी प्रभावित जिलों में संक्रमित सूअरों को मारने का काम दुर्गा पूजा से पहले पूरा किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि 12,000 सूअरों को मारा जाएगा।

मालिकों को दिया जाएगा मुआवजा 

उन्होंने कहा, "सूअरों को मारने के इस अभियान से किसानों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त रूप से क्षतिपूर्ति की जाएगी।मुआवजे के बारे में पूछे जाने पर, अधिकारी ने कहा कि 12,000 सूअरों के मालिकों के बैंक खातों में धन जमा कराया जाएगा जबकि पहले ही मर चुके 18,000 सूअरों के मालिकों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है।बैठक के दौरान, सोनोवाल ने बताया कि केंद्र ने पहले ही मुआवजे की पहली किस्त जारी कर दी है और राज्य सरकार महामारी से निपटने के उपायों के लिए राशि सहित मुआवजे का हिस्सा जल्द जमा करेगी।

सभी सरकारी खेतों का सर्वेक्षण करने का निर्देश

उन्होंने पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग को भी प्रभावित क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित करने के लिए कहा ताकि स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाया जा सके और राज्य भर के सभी सरकारी खेतों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया।बैठक में असम में देश के विभिन्न हिस्सों से सूअरों की आपूर्ति पर भी चर्चा हुई। स्वाइन बुखार के प्रकोप के बाद, केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार राज्य के बाहर से सूअरों की आपूर्ति रोक दी गई थी।सोनोवाल ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि असम के माध्यम से पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में सूअरों को ले जाने के दौरान कोई भी असावधानी ना हो।

बीमारी का पता पहली बार राज्य में इस साल फरवरी के अंत में चला था

उन्होंने कहा कि सुअर पालन क्षेत्र से अधिक युवाओं को जोड़ने के लिए, सार्वजनिक-निजी-साझेदारी प्रणाली का सहारा लिया जा सकता है।कृषि मंत्री अतुल बोरा ने कहा था कि विभाग द्वारा 2019 की गणना के अनुसार, राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो अब बढ़कर 30 लाख हो गई है। बोरा ने कहा था कि इस बीमारी का पता पहली बार राज्य में इस साल फरवरी के अंत में चला था। लेकिन इसकी शुरुआत अप्रैल 2019 में अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे चीन के शिजांग प्रांत से हुई थी।
 

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