नई दिल्ली। पांच अगस्त का दिन भारतीय इतिहास के पन्नों पर अमिट छाप के तौर पर अंकित हो जाएगा। अभिजित मुहूर्त में पीएम नरेंद्र मोदी राम मंदिर भूमि पूजन करेंगे और इसके साथ ही मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। अभी तक हम सभी लोग जानते हैं कि अयोध्या एक ही है लेकिन बुंदेलखंड इलाके में स्थित ओरछा को स्थानीय लोग अयोध्या कहते हैं और उस नगरी में भी हलचल है। ओरछा में रामराजा मंदिर की खास अंदाज में सजावट की गई है। बताया जाता है कि यहां पर राम भगवान के रूप में नहीं बल्कि राजा के तौर पर विराजते हैं।
राजा राम को पुलिस के जवान देते हैं सलामी
राजा रूप में राम को माने जाने पर चार बार होने वाली आरती के समय उन्हें पुलिस द्वारा सलामी दी जाती है। बताया जाता है कि श्रद्धालु राम की प्रतिमा की आंख से आंख नहीं मिलाते बल्कि उनके चरण दर्शन से ही खुद को धन्य समझते हैं। प्रसाद के तौर पर भोग के साथ पान का बीड़ा, इत्र की बाती भक्तजनों का दी जाती है।
बड़ी दिलचस्प है कहानी
ओरछा में जो दस्तावेज हैं उसके मुताबिक ओरछा राजवंश के राजा मधुकर शाह कृष्ण भक्त थे और उनकी पत्नी कुंअर गणेश राम की उपासक थीं। दोनों लोगों में कृष्ण और राम को लेकर संवाद के साथ साथ तर्क चलता रहता था। एक बार मधुकर शाह ने रानी को वृंदावन जाने को कहा लेकिन रानी ने इंकार किया और अयोध्या जाने की बात कही। राजा ने रानी की बात का मजाक बनाते हुए चुनौती दी कि अगर तुम्हारे राम वास्तव में तो उन्हें अयोध्या से ओरछा लेकर आओ।
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