Ram Mandir: आखिरकार टेंट से निकलेंगे रामलला, मंदिर निर्माण तक अब रहेंगे यहां

Ram Mandir Update: राम मंदिर को लेकर जानकारी आई है कि जब तक मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता है, तब तक रामलला को तंबू से अस्थायी ढांचे में स्थानांतरित किया जाएगा।

Ramlala
अभी तक टेंट में विराजमान है रामलला 

नई दिल्ली: राम मंदिर के निर्माण की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने मंदिर स्थल का दौरा किया है। कहा जा रहा है कि जब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता है, तब तक रामलला को तंबू से अस्थायी ढांचे में स्थानांतरित किया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ अन्य अधिकारियों ने मंदिर स्थल का दौरा किया।

रामलला को अस्थायी ढांचे में रखे जाने से भक्त रामलला के दर्शन मौजूदा व्यवस्था की तुलना में और करीब से कर सकेंगे। चंपत राय ने मंदिर निर्माण के लिए डोनेशन और फंड के आधिकारिक प्रबंधन के साथ भी चर्चा की। अयोध्या में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में इस उद्देश्य के लिए एक खाता खोला जा रहा है। बताया जाता है कि ये अस्थायी मंदिर फाइबर से तैयार होगा। इस अस्थाई मंदिर का खाका तैयार हो चुका है। हालांकि इसका निर्माण कब से शुरू होगा इसका ऐलान होना बाकी है।

मंदिर के लिए 3.5 एकड़ भूमि चिन्हित की जानी है जिसमें से 1 एकड़ मंदिर के लिए आरक्षित है और शेष 2 एकड़ मंदिर तक जाने वाले गलियारे के लिए है।

जहां रामलला विराजमान, वहीं बनेगा मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रबंध महंत नृत्य गोपाल दास ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वहीं होगा, जहां रामलला विराजमान हैं और यह मंदिर उसी मॉडल पर बनेगा, जो पहले से दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जल्दी ही भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। इसके लिए दिल्ली में धर्माचार्यों की बैठक हो चुकी है और जल्दी ही एक बैठक अयोध्या में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण की तिथि तय की जाएगी।

सरकार से नहीं मांगा जाएगा धन
उन्होंने कहा, 'राम मंदिर निर्माण के लिए न तो चंदा लिया जाएगा और न ही सरकार से धन मांगेगे। जो भी भगवान के भक्त सहयोग करेंगे, उसी से मंदिर का निर्माण होगा।' उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ हर उसको आमंत्रित करेंगे, जिसकी धर्म में रूचि होगी। इसमें पूरा देश और नेता शामिल हैं।

नक्शे में होगा बदलाव, एक मंजिल और जोड़ने का प्रस्ताव
मंदिर के करीब तीन दशक पुराने विश्व हिंदू परिषद के नक्शे में बदलाव कर इसकी ऊंचाई बढ़ाते हुए एक और मंजिल जोड़ी जा सकती है। वर्तमान में प्रस्तावित राम मंदिर की ऊंचाई 125 फुट है, जिसे करीब 160 फुट किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर राममंदिर का मॉडल तैयार किया था। इस नक्शे में प्रस्तावित मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 135 फुट और ऊंचाई 125 फुट बताई गई है। हर मंजिल पर 106 खम्भे होंगे। पहली मंजिल पर खम्भे की लम्बाई 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट प्रस्तावित है। प्रत्येक मंजिल 185 बीम पर टिकी होगी। मंदिर में संगमरमर का फ्रेम और लकड़ी के दरवाजे होंगे। 

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