आजम खान दिखा रहे हैं ताकत ! सपा की मीटिंग से इन समर्थकों ने बनाई दूरी, क्या करेंगे मुलायम पुत्र

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated May 23, 2022 | 15:58 IST

Azam Khan And Akhilesh Yadav: जब से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम मार्च में आए, उसके बाद से अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी है। कोई उन्हें एसी में बैठने वाला नेता कहता है, तो कई नेता उन पर मुस्लिमों का साथ नहीं देने का आरोप लगाता है।

Azam Khan Released from jail And Akhilesh yadav relation
आजम खान और अखिलेश में बढ़ी दूरियां 
मुख्य बातें
  • अखिलेश यादव पर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भी निशाना साधा है।
  • अखिलेश यादव की नाराजगी को हवा देने में सबसे अहम भूमिका शिवपाल यादव की रही है।
  • आजम खान उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं।

Azam Khan And Akhilesh Yadav: हमेशा से नफासत और सलीके से शब्दों का इस्तेमाल कर बयान देने वाले सपा नेता आजम खान अपनी नाराजगी में भी वहीं अंदाज दिखा रहे हैं। जेल से रिहा होने के बाद वह सीधे तौर पर, भले ही अखिलेश यादव पर हमले नहीं कर रहे है, लेकिन उन्हें अपनी ताकत का अहसास करा रहे हैं। और यह उनके बयानों और कुछ साथियों के फैसलों से साफ झलक रहा है। जेल  से रिहा होने के बाद आजम खान की नाराजगी का पहला सबूत तब मिला जब वह लखनऊ में समाजवादी पार्टी की बैठक में नहीं गए। हालांकि अखिलेश से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने अपने ही अंदाज में कहा कि हम भी सोचेंगे कि हमारी नीयत, वफादारी, मेहनत में कहां कमी रह गई कि हम घृणा के पात्र बन गए। साफ है कि आजम खान इशारों में बहुत कुछ कह रहे हैं।

क्या दिखा रहे हैं अपनी ताकत

आजम खान भले ही, अखिलेश के खिलाफ खुल कर कुछ नहीं कह रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। रविवार को लखनऊ में सपा के विधायकों की बैठक में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला खां शामिल नहीं हुए। यही नहीं बरेली के भोजीपुरा से विधायक शहजिल इस्लाम और बहेड़ी के विधायक अताउर्रहमान भी इस बैठक में नहीं पहुंचे।  शहजिल इस्लाम इस बात से नाराज कि हाल ही में योगी सरकार ने उनके पेट्रोल पंप पर बुलडोजर चलावाया था। लेकिन उस पर उनको अखिलेश यादव साथ का साथ नहीं मिला। पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं की अखिलेश यादव को लेकर इस तरह की शिकायत है। अहम बात यह है कि इस बीच समाजवादी पार्टी के तरफ से आजम खान को मनाने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन अभी तक आजम खान के तरफ से कोई सकारात्मक संकेत नही मिला है।

शिवपाल भी चल रहे है रणनीति

अखिलेश यादव की नाराजगी को हवा देने में सबसे अहम भूमिका शिवपाल यादव की रही है। जो शुरू से आजम खान के साथ खड़े दिख रहे हैं। चाहे जेल में घंटों आजम खान और शिवपाल यादव की मुलाकात हो या फिर जेल से रिहाई  के वक्त शिवपाल यादव का आजम खान को लेने पहुंचने की बात हो, सभी जगह शिवपाल यादव साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। और सपा विधायकों की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर मार्च में हंगामा कर दिया था।  शिवपाल यादव, इस बार न तो बैठक में गए और न ही इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है। ऐसे में साफ है कि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव आने  वाले समय में अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

मुस्लिमों का साथ नहीं देने का अखिलेश पर आरोप

असल में जब से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम मार्च में आए, उसके बाद से अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ने लगी है। कोई उन्हें एसी में बैठने वाला नेता कहता है, तो कई नेता उन पर मुस्लिमों का साथ नहीं देने का आरोप लगाता है। उनके साथी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव को एयर कंडीशन कमरे में रहने की आदत लग चुकी है। वह घर से बाहर नहीं निकल रहे। राजभर ने कहा कि सपा के नेताओं ने उनसे शिकायत की है कि सपा प्रमुख उनसे नहीं मिल रहे हैं। 

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इसी तरह  सपा नेता और संभल से सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क कह चुके हैं कि भाजपा को छोड़िए समाजवादी पार्टी ही मुसलमानों के हितों में काम नहीं कर रही। इसके अलावा कासिम राईन, मोहम्मद हमजा शेख सहित कई नेताओं ने या तो पार्टी छोड़ी दी या फिर फिर पार्टी में रहते हुए अखिलेश यादव के बर्ताव पर सवाल उठाए चुके हैं। और सबसे गंभीर नाराजगी आजम खान के करीबी फसाहत अली खान ने रामपुर में एक सभा के दौरान लगाया था।उन्होंने कहा था 'वाह राष्ट्रीय अध्यक्ष जी वाह, हमने आपको और आपके वालिद साहब (मुलायम सिंह) को चार बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनवाया।आप इतना नहीं कर सकते थे कि आजम खान साहब को नेता विपक्ष बना देते? 

विपक्षी नेताओं की आजम खान पर नजर

जैसे ही अखिलेश यादव के खिलाफ मुस्लिम नेताओं की नाराजगी खबरें सामने आनी शुरू हुईं, उसके बाद से आजम खान को अपने पाले में लाने का उत्तर प्रदेश के विपक्षी दलों में तांता लग गया है। इस लिस्ट में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णन, शिवपाल यादव, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर थे। इसके अलावा आजम खान के परिवार से रामपुर मिलने, अखिलेश के गठबंधन के साथी और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी भी पहुंच गए। ऐसे में अब देखना है कि आने वाले समय में आजम खान किस राह पर चलते हैं।

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